
पुलिस दबिश के दौरान आठवीं मंजिल से गिरकर अधिवक्ता की मौत
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आगरा में पुलिस दबिश में अधिवक्ता सुनील शर्मा की मौत के मामले में 7 दिन बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला है। हत्या या हादसे में पुलिस उलझी हुई है। पुतला गिराकर देखा गया था। इसकी रिपोर्ट अभी मिलना बाकी है। एक तरफ पत्नी ने पुलिसकर्मियों पर पति को आठवीं मंजिल से फेंकने का आरोप लगाते हुए हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है, दूसरी तरफ पुलिस अधिकारी घटना को हादसा बता रहे हैं। पुलिस उलझी हुई है। कई बिंदुओं पर जांच चल रही है।
1 मार्च को अधिवक्ता सुनील शर्मा मंगलम आधार अपार्टमेंट की आठवीं मंजिल से गिर गए थे। जिस समय वह भूतल पर गिरे, उस समय लोग भी टहल रहे थे। उन्होंने देखा था। इस दौरान तीन दरोगा भी अपार्टमेंट से बाहर निकल रहे थे। उन्हें लोगों ने रोक लिया था। घटना के बाद सुनील शर्मा को अस्पताल ले जाने के लिए कहा था। गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरे में पुलिसकर्मी दर्ज हो गए थे। अधिवक्ता के गिरने का भी दृश्य कैमरे में कैद हो गया। उधर, मृतक की पत्नी सुनीता शर्मा ने वीडियो बनाया था। पुलिस भी वीडियो बना रही थी। दोनों का समय मोबाइल में है। इन सबको देखा जा रहा है। जांच अधिकारी मिलान कर रहे हैं कि कब-कब कौन आया।
पुलिस को हो गई थी गिरने की जानकारी
एसीपी हरीपर्वत आदित्य सिंह प्रकरण की जांच कर रहे हैं। उन्होंने पुलिसकर्मियों से पूछताछ की है। सीसीटीवी फुटेज का मिलान किया है। यह देखा है कि किस समय पुलिसकर्मी अपार्टमेंट परिसर में पहुंचे, आठवीं मंजिल पर कब आए, दबिश के दौरान क्या किया, किस समय पर अधिवक्ता गिरे थे, पुलिसकर्मी कब बाहर आए। प्राथमिक पड़ताल में यही पता चला है कि पुलिसकर्मी गिरने के कुछ देर बाद ही भूतल पर आ गए थे। वह बाहर जा रहे थे, लेकिन लोगों ने रोक लिया था। तीन दरोगा आए थे। इससे माना जा रहा है कि पुलिसकर्मियोंं को अधिवक्ता के गिरने का पता चल गया था।
‘दोषी पकड़े जाएंगे, तभी मिलेगा न्याय’
पत्नी सहित परिवार के लोग कह रहे हैं कि सुनील शर्मा की हत्या हुई। पुतला भी धक्का देने पर उसी जगह पर गिरा था, जहां पर सुनील गिरे थे। ऐसे में आरोपियों की गिरफ्तारी होनी चाहिए। इससे ही उन्हें न्याय मिलेगा। पुलिस बार-बार विवेचना के नाम पर उलझाने की कोशिश कर रही है। एसीपी आदित्य हर बार कार्रवाई का आश्वासन देते हैं। मगर, होता कुछ भी नहीं है।
पुलिस की जांच के बिंदु
– अधिवक्ता सुनील शर्मा अपार्टमेंट में कब आए? अपने फ्लैट में कब एंट्री की? दबिश के दौरान लोग भी निकले थे, वो कौन लोग हैं? उनके बयान लिए जा रहे हैं।
– मंगलम आधार अपार्टमेंट में आगंतुक के आने की जानकारी मोबाइल एप से भी दी जाती है। एप से पुलिस दबिश के दौरान बताया गया था या नहीं?
– आशंका है कि पुलिस के दरवाजे पर आने के बाद सुनील शर्मा अपने 801 फ्लैट से 802 में बालकनी पर चढ़कर गए। यह काफी खतरनाक है। ऐसा तब हुआ होगा, जब पुलिस दरवाजे खटखटा रही थी। ऐसा संभव है या नहीं, इसके लिए पुलिस फ्लैट नंबर 801 की बालकनी से 802 की बालकनी में लटकर जाने का भी रिहर्सल कर सकती है। क्रेन की मदद से ऐसा किया जाएगा।
– फ्लैट 801 अपार्टमेंट के गेट के सामने ही है। इसकी बालकनी भी गेट से नजर आती है। ऐसे में आशंका है कि उन्होंने पुलिस को आते देखा होगा। इस पर वो भागे होंगे। उन्होंने क्या किया?
एसीपी से अनुमति के बाद ही पुलिस देगी दबिश
दबिश के दौरान मौत की घटना के बाद थाना पुलिस को निर्देशित किया गया है। जमीन, धोखाधड़ी और रंगदारी के मामलों में दबिश से पहले एसीपी से अनुमति लेनी होगी। एसीपी साक्ष्यों की स्थिति को देखेंगे। इसके बाद ही अनुमति दी जाएगी। दबिश के दौरान वीडियो बनाना होगा। नियमों का पालन किया जाएगा।