दूसरी कड़ी
मिलीभगत : महानगर में ललितपुर, दतिया जगहों पर कार्यरत डॉक्टरों के नाम से भी चल रही लैब
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। जिला स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से सात-आठ पैथोलॉजी लैब एक-एक डॉक्टर के नाम पर चल रही है। रेलवे विभाग के अलावा ललितपुर, दतिया आदि जगहों पर कार्यरत डॉक्टरों के नाम से भी लैब चल रही है। खास बात यह है कि ऐसे डॉक्टरों के नाम से भी लैब चल रही है, जिनका जिले में रिकार्ड ही नहीं है।
शहर की गलियों, चौराहों और मेडिकल कॉलेज के आसपास 250 से ज्यादा पैथोलॉजी लैब चल रही हैं। कई लैब पार्किंग या दवा की दुकानों में चल रही हैं। स्वास्थ्य विभाग में 80 लैब पंजीकृत हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने लैबों को पंजीकृत तो किया मगर मिलीभगत के चलते शहर में चल रहे लैबों की जांच तक नहीं की। इसका परिणाम है कि एक-एक डॉक्टर के नाम पर सात-आठ लैब चल रही हैं।
जिन डॉक्टर के नाम पर कई-कई लैब चल रही है, वह टकसाल मुहल्ला, सीपरी बाजार, मेडिकल कॉलेज के पास, मयूर विहार, बबीना, हंसारी, खाती बाबा, हींगन कटरा, दतिया गेट बाहर, कानपुर मार्ग, आईटीआई, पिछोर, आदि जगहों पर चल रही हैं। कई पंजीकृत पैथोलॉजी का संचालन करने वाले डॉक्टरों को स्थानीय चिकित्सक भी नहीं जानते हैं। इन लैबों के बारे में स्वास्थ्य विभाग के अफसर जानते हैं मगर मिलीभगत की वजह से नजरअंदाज करते हैं। इसका खामियाजा जनता उठा रही है।
इन सवालों का जवाब तो देना होगा : एक डॉक्टर एक-दो नहीं बल्कि छह-सात लैब में कैसे काम कर सकता है जबकि पैथोलॉजी सेंटर भी दूर-दूर हैं। स्पष्ट है कि मानकों को ताक पर रखकर पंजीकरण किया गया है। ये लैब मरीजों की सेहत के बारे में सोच नहीं रही हैं।
जिम्मेदार पद थे फिर भी चल रही सात पैथोलॉजी लैब
जिस डॉक्टर के नाम से सर्वाधिक पैथोलॉजी लैब चल रही हैं, वह झांसी के स्वास्थ्य विभाग में जिम्मेदार पद पर तैनात रहे हैं। इसकी वजह से नियमों को ताक पर रखा गया। खुद विभाग के अफसरों का कहना है कि इसके बारे में सब जानते हैं। एक डॉक्टर तो ऐसे हैं, वह घर से नहीं निकलते मगर लैब चला रहे हैं।
नहीं सुन रहा स्वास्थ्य विभाग : डॉ. गुप्ता
झांसी पैथोलॉजी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. बीके गुप्ता का कहना है कि पैथोलॉजी के बोर्ड पर पैथोलॉजिस्ट का नाम, लाइसेंस नंबर और फोन नंबर लिखा होना चाहिए। इस संबंध में कई बार स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से शिकायत की गई लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस वजह से अवैध लैब खुल रही हैं और एक ही डॉक्टर के नाम पर कई-कई लैब संचालित हैं। पंजीकरण करते समय विभाग के जिम्मेदार अफसरों को सब दिखता है मगर वह ध्यान नहीं देते हैं। इनकी जांच होनी चाहिए।
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महानगर में एक-एक डॉक्टर के नाम से कई पैथोलॉजी लैब चल रही हैं। इनकी जांच करके नाम जल्द हटाए जाएंगे। – डॉ. उत्कर्ष राज, पब्लिक हेल्थ ऑफिसर
यदि कई-कई लैब एक डॉक्टर चला रहे हैं या बाहर के डॉक्टर इनका संचालन कर रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डेंगू जांच की दर शासन से निर्धारित की गई है, यदि कोई ज्यादा पैसा लेता है तो कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. सुधाकर पांडेय, सीएमओ