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संजय गांधी पीजीआई को नैक में मिला ए प्लस प्लस ग्रेड। – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रेडिएशन काउंसिल (नैक) ने लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान को ए प्लस-प्लस ग्रेड प्रदान किया है। इसके साथ ही पीजीआई प्रदेश में ए प्लस-प्लस ग्रेड पाने वाला पहला चिकित्सा संस्थान बन गया है। संस्थान की उपलब्धि पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बधाई दी है।
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पीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमन ने बताया कि संस्थान को 3.66 सीजीपीए के साथ ए प्लस-प्लस ग्रेड प्रदान किया है। उन्होंने इसके लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का आभार जताया है।
संस्थान में नैक की नोडल अधिकारी प्रो. विनीता अग्रवाल ने बताया कि संस्थान ने बीते साल जून में सभी दस्तावेजों के साथ आवेदन किया था। नवंबर 2024 में नैक टीम ने निरीक्षण किया। अब इसका रिजल्ट जारी कर दिया गया है। लखनऊ विश्वविद्यालय और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के बाद पीजीआई नैक में ए प्लस-प्लस ग्रेड पाने वाला शहर का तीसरा सरकारी संस्थान है।
1980 में रखी गई थी आधारशिला
एसजीपीजीआई की आधारशिला 14 दिसंबर 1980 को तत्कालीन भारतीय राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने रखी थी। संस्थान ने 14 दिसंबर 2024 को अपना 41वां स्थापना दिवस मनाया है। इस समय पीजीआई एनआईआरएफ (राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क) रैंकिंग में 6वें स्थान पर है।
जानिए बिंदुवार मिले अंकों का ब्योरा (अधिकतम अंक-4)
कॅरिकुलर ऑस्पेक्ट- 3.97
टीचिंग लर्निंग एंड इवैल्यूएशन- 3.49
रिसर्च इनोवेशन एंड एक्सटेंशन – 3.48
इंफ्रास्ट्रक्चर एंड लर्निंग रीसोर्स- 3.89
स्टूडेंट सपोर्ट एंड प्रोग्रेशन- 3.3
गर्वनेंस, लीडरशिप एंड मैनेजमेंट- 4
इंस्टीट्यूशनल वैल्यूज एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज- 3.81
इनके कंधे पर रही नैक की जिम्मेदारी-
पहला बिंदु – डॉ. अमित गोयल
दूसरा बिंदु – डॉ. शुभा फड़के व डॉ. चिन्मय साहू
तीसरा बिंदु – डॉ. सीपी चतुर्वेदी
चौथा बिंदु – डॉ. धर्मेंद्र भदौरिया व डॉ. आवले रूपाली भालचंद्र