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संजीव जीवा और मुख्तार अंसारी गिरोह का शार्प शूटर मुजफ्फरनगर के खालापार निवासी शाहरुख पठान ने अपनी जिंदगी की शुरूआत साइकिल की मरम्मत करने के लिए खोली गई पिता की दुकान पर काम सीखने से की थी। इसके बाद अपराध का ऐसा पाठ पढ़ा कि वह माफिया संजीव जीवा व मुख्तार अंसारी तक जा पहुंचा।

उसने एक के बाद एक तीन हत्याएं की। वर्चस्व के लिए उसने पुलिस कस्टडी में शातिर अपराधी आसिफ जायदा की हत्या की। वह वर्तमान में अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों के गवाहों को धमका रहा था। एसटीएफ के एएसपी बृजेश कुमार ने बताया कि खालापार निवासी शाहरुख पठान को उसके फूफा फक्करशाह खालापार निवासी अमीर आजम ने संतान न होने के कारण गोद ले लिया था।




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Shahrukh Pathan became a sharp shooter from a bicycle mechanic He was killed in encounter in Muzaffarnagar

मुठभेड़ में शूटर शाहरुख पठान ढेर
– फोटो : ANI


उसने अपराध करने का सफर साइकिल की मरम्मत करने के दौरान साथी बने सोबी के साथ मिलकर वर्ष 2015 में शुरू किया। दोनों ने नैनी जेल से कोर्ट में पेश होने के बाद वापस ले जाए जा रहे खालापार निवासी आसिफ जायदा की पुलिस कस्टडी में रेलवे स्टेशन पर गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। 

 


Shahrukh Pathan became a sharp shooter from a bicycle mechanic He was killed in encounter in Muzaffarnagar

शाहरुख पठान का एनकाउंटर
– फोटो : सोशल मीडिया


यह हत्या वर्चस्व कायम करने के लिए की थी। जीआरपी थाने में मुकदमे दर्ज कराया था। इस हत्या की गूंज पुलिस मुख्यालय लखनऊ तक पहुंची थी।


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शाहरुख पठान की कार
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


व्यापारी की हत्या में हुई थी सजा

फरारी के दौरान संजीव जीवा के कहने पर वर्ष 2017 में हरिद्वार क्षेत्र की निर्मला छावनी कालोनी में कंबल व्यापारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। तब यह बात सामने आई थी कि संजीव जीवा के कहने पर कनखल के रहने वाले प्रोपर्टी डीलर सुभाष सैनी की हत्या करने आया था लेकिन हुलिया मिलता जुलता होने के कारण अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी की हत्या कर दी थी।

 


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शाहरुख पठान का फाइल फोटो
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


फरारी के दौरान ही वर्ष 2017 में आसिफ जायदा की हत्या में गवाह आसिफ के पिता यासीन की हत्या की। तब उस पर पुलिस महानिदेशक ने 50 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित किया था। इसके बाद वह हरिद्वार में गिरफ्तार होकर जेल चला गया था।

 




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