आगरा के राजकीय बाल संरक्षण गृह (बच्चा जेल) की जांच में शर्मनाक हकीकत सामने आई है। आरोप डीपीओ पर लग रहे हैं, जिसमें बताया ये गया है कि बाल अपचारियों को स्मार्ट फोन देने के बदले वसूली की जाती है। 

 



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shameful reality of children Jail DPO used to demand expenses Recovery is done in exchange for smart phones

बाल अपचारी
– फोटो : अमर उजाला



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दुष्कर्म व अन्य गंभीर अपराधों में निरुद्ध किशोरों को राजकीय बाल संरक्षण गृह में आपत्तिजनक वस्तुएं, स्मार्ट फोन उपलब्ध होती थीं। इसके लिए सुविधा शुल्क के रूप में मोटी वसूली होती थी। डीपीओ अजय पाल सिंह तक पैसा पहुंचने के आरोप हैं। यह बात बाल गृह के कर्मचारियों ने डिप्टी चीफ प्रोबेशन आफिसर (सीपीओ) को दर्ज कराए बयानों में कही है।

राजकीय बाल गृह में निरुद्ध चार किशोरों का 17 नवंबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। जो उनमें से एक किशोर ने अपने इंस्टाग्राम पर अपलोड किया था। वीडियो में किशोर एनर्जी ड्रिंक हाथ में लेकर बदमाशी की बातें कर रहे थे। वायरल वीडियो की जांच के बाद लखनऊ से डिप्टी सीपीओ श्रुति शुक्ला के नेतृत्व में एक टीम जांच के लिए सिरौली स्थित बाल एवं किशोर संप्रेक्षण गृह पहुंची।

 



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