अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। झारखंड को अलग राज्य दिलाने की मुहिम चलाने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक एवं झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन का झांसी से भी गहरा नाता रहा। रानी लक्ष्मीबाई की नगरी होने के नाते झांसी से वह लगाव रखते थे। शिबू हमेशा छोटे राज्यों के हिमायती रहे। इस वजह से आंदोलन के दिनों में अक्सर वह झांसी आते थे। वह बुंदेलखंड को भी अलग राज्य के तौर पर देखना चाहते थे।

शिबू सोरेन के झांसी आने के सिलसिले को याद करते बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष हरिमोहन विश्वकर्मा ने बताया वर्ष 1996 से शिबू सोरेन का अक्सर ही झांसी आना रहा। वह छोटे राज्यों के गठन के लिए आंदोलन की रणनीति बनाते थे। झांसी से भी उन्होंने झारखंड एवं बुंदेलखंड के आंदोलन की रणनीति बनाई। वर्ष 1996 में किले की तलहटी पर आयोजित सभा के दौरान शिबू सोरेन की अगुवाई में नेशनल फ्रंट फॉर स्मॉल स्टेट नामक संगठन का गठन हुआ। इसकी अगुवाई में भी बुंदेलखंड के लिए आंदोलन चला। अध्यक्ष हरिमोहन ने बताया शिबू सोरेन हमेशा झांसी को क्रांति की नगरी बताते हुए छोटे राज्यों के संघर्ष में अगुवाई के लिए प्रोत्साहित करते थे। आखिरी बार वर्ष 2003 में वह एसपीआई इंटर कॉलेज में आयोजित छात्र संसद में हिस्सा लेने आए थे। 2015 में उनको एक कार्यक्रम के लिए बुलावा भेजा गया, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से न आ सके।

पदाधिकारियों ने जताया शोक

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन पर बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा पदाधिकारियों ने सभा करके शोक जताया। अध्यक्ष विश्वकर्मा ने बुंदेलखंड राज्य आंदोलन में उनके योगदान को लेकर कृतज्ञता जताई। केंद्रीय महामंत्री अजय शर्मा ने कहा कि शिबू सोरेन ने हमेशा से मोर्चा पदाधिकारियों को सहारा देकर आंदोलन को आगे बढ़ाया। इस दौरान अवधेश समेले, राहुल श्रीवास्तव, राजीव नायक, धर्मेंद्र तिवारी, विशाल, जितेंद्र परिहार, मोहन खरे, प्रमोद श्रीवास्तव, अमन परिहार आदि उपस्थित थे।



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