{“_id”:”683bda71ceeb39bee408772f”,”slug”:”silence-prevailed-in-streets-of-udar-thok-on-second-day-after-verdict-of-panvari-kand-in-agra-2025-06-01″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”34 साल बाद 35 को सजा: गांव ऊदर थोक में पसरा सन्नाटा, दोषियों के परिजन बोले- हाईकोर्ट में करेंगे अपील”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
लोगों का कहना है कि इस कांड में उनके परिजन को बेवजह फंसाया गया है। सजा पाने वाले लोगों में ज्यादातर लोग घटना वाले दिन गांव में मौजूद ही नहीं थे। वहीं मामले में जमानत के लिए विधायक ने प्रपत्र तैयार करके बेटे को इलाहाबाद हाईकोर्ट में भेजा।
दोषी करार दिए जाने के बाद गांव में सन्नाटा। – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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आगरा में पनवारी कांड में दोषियों को सजा सुनाये जाने के बाद दूसरे दिन भी अकोला के ऊदर थोक में सन्नाटा छाया रहा। 1990 में हुए इस कांड में सत्र न्यायालय ने 35 लोगों को दोषी ठहराया था। शुक्रवार को सभी दोषियों को पांच-पांच साल की सजा सुनाए जाने के बाद गांव में एक अजीब सी खामोशी छाई हुई है। दोषी ठहराए गए लोगों के परिजन मायूस होकर गांव में पहुंचे, जिससे गांव में सन्नाटा और गहरा गया।
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शनिवार को अकोला के ऊदर थोक की गलियों में खामोशी व सन्नाटा छाया रहा। गांव की दलित बस्ती के लोग अदालत के फैसले पर बात करने से बचते नजर आये। सजा के दूसरे दिन भी कस्बा के बाजार में चर्चा होती रही। दोषियों के परिजन का कहना है कि इस कांड में उनके परिजन को बेवजह फंसाया गया है। सजा पाने वाले लोगों में ज्यादातर लोग घटना वाले दिन गांव में मौजूद ही नहीं थे। अपनों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। सजा के विरुद्ध हाईकोर्ट में अपील करेंगे। गांव में शांति बनी हुई है।