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आगरा के सराफा बाजार में चांदी के प्लांटों और कारखानों में इस तरह का हादसा पहली बार नहीं हुआ। 20 फरवरी 2024 को नमक की मंडी स्थित महल कॉम्प्लेक्स में 2 कारीगरों की जान गई थी। प्लांट में गैस रिसाव हुआ था। दोनों कारीगरों का दम घुट गया था। इस घटना के बाद अग्निशमन विभाग और अन्य ने मिलकर अभियान चलाया था। मगर, खानापूर्ति का आलम ही रहा कि एक और हादसा लापरवाही की वजह से हो गया।

जयपुर हाउस निवासी मुरारीलाल वर्मा महल काॅम्प्लेक्स में तीसरी मंजिल पर चांदी पालिश का प्लांट चलाते थे। यह काॅम्प्लेक्स भी संकरी गली में बना हुआ है। आने-जाने के लिए जो रास्ता है, उसमें पैदल भी नहीं निकल पाते हैं। प्लांट में चांदी के जेवरात पर पाॅलिश की जाती थी।

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Silver factory fire in pictures: Burning people scattered goods explosion caused devastation shudder to see it

Cylinder exploded in agra market
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


घटना वाले दिन कारीगर रवि और आकाश वाइब्रेटर में चांदी पाॅलिश के लिए इस्तेमाल होने वाला केमिकल डाल रहे थे। इस दाैरान गैस बन जाने से कारीगरों का दम घुट गया था। प्लांट में माैजूद ग्राहक बाहर भाग गए थे। आकाश और रवि की माैत हो गई थी। घटना के बाद अग्निशमन विभाग व अन्य ने अभियान चलाया। मगर, सख्त कार्रवाई न होने से प्लांट और कारखाने अब भी संचालित हो रहे हैं। पुलिस का कहना है कि चांदी गलाने के कारखाने में गैस रिसाव की वजह से हादसा हुआ।

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Cylinder exploded in agra market
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


तंग गलियों में कारखाने और प्लांट

कोतवाली के कई बाजारों में जूता, कपड़ा, सोना-चांदी, बर्तन, खिलाैनों आदि का व्यापार होता है। तंग गलियों में बहुमंजिला मार्केट हैं। संकरे रास्तों में चांदी गलाने के कारखाने और पाॅलिश के प्लांट भी चल रहे हैं। अकेले सोने-चांदी से ही करोड़ों का टैक्स प्राप्त होता है। इसके बावजूद बाजार में सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं हैं। आग से बचाव के इंतजाम नहीं हैं। व्यापारियों का कहना है कि एडीए और अग्निशमन विभाग भी इन पर ध्यान नहीं दे रहा है। बाजार में गलियां भी 3 से 5 फीट की हैं। हादसा होने पर इन गलियों से निकलना मुश्किल हो जाता है। दमकल भी नहीं पहुंच सकती है। कई बार केमिकल और सिलिंडर की वजह से हादसे होते हैं। मगर, छोटी घटना बाहर नहीं आ पाती है। पुलिस प्रशासन तक बड़ी घटनाएं ही पहुंच पाती हैं।

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Cylinder exploded in agra market
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एडीए नहीं दे रहे ध्यान

लोगों का कहना है कि केमिकल का प्रयोग और भट्ठी चलाने पर भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कोई कार्रवाई नहीं करता है। बाजार में प्लांट और कारखानों की कभी चेकिंग नहीं होती है। अधिक मात्रा में रखे गए सिलिंडर को भी चेक करने कोई नहीं आता है। अग्निशमन विभाग भी इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। नियमों की अनदेखी पर एडीए भी आंख बंद किए है। कई दुकानों और घरों को तोड़कर नए कॉम्प्लेक्स तक तैयार हो गए हैं। कई बार सीलिंग की कार्रवाई होती है। मगर, उसे बाद में इंजीनियर की सांठगांठ से खोल भी दिया जाता है।

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Cylinder exploded in agra market
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


कब क्या हुआ

2:35 बजे : कारखाने में जोरदार विस्फोट होता है।

2:36 बजे : आसपास के लोग दहल जाते हैं। भागने लगते हैं।

2:45 बजे : कारीगर सीढि़यों से नीचे आने लगते हैं। एक कूद गया।

2:50 बजे : कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक फोर्स के साथ पहुंचे।

2:55 बजे : डीसीपी सिटी और कई एसीपी पहुंच जाते हैं। वह लोगों को दूर हटाते हैं।

2:58 बजे : एक दमकल पहुंच गई, राहत कार्य शुरू होता है।

3:09 बजे : मार्केट की एक खिड़की तक पहुंचने के लिए सीढ़ी लगाई जाती है।

3:15 बजे : कारखाने में लगी आग को बुझाने के लिए पानी डाला जाता है।

3:22 बजे : अग्निशमन विभाग के विशेष वाहन के साथ एंबुलेंस भी बुलाई जाती है।

3:42 बजे : कारखाने में रखे एलपीजी सिलिंडर को एक के बाद एक निकाला जाता है।

3:51 बजे : एक व्यक्ति को कारखाने से निकालकर एंबुलेंस से ले जाया गया।




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