ये हैं प्रमुख कारण
- किरायेदार वोटरों का अपने मूल निवास पर गणना प्रपत्र भरने को प्राथमिकता देना।
- घनी आबादी में बसे स्थानीय निवासियों ने शहर के बाहर विकसित नई कॉलोनियों में घर बना लिया।
- संपन्न ग्रामीणों का शहर में दूसरा मकान बनाना और अपने मूल गांव में मतगणना प्रपत्र जमा करना।
- आजीविका के लिए अन्य शहरों में जाकर निवास करना।
- वर्ष 2003 के बाद नई कॉलोनियों का विकसित होना।
- कर्मचारियों का स्थानांतरण होकर अन्यत्र चले जाना।
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अन्य जगह शिफ्ट हुए मतदाता
बरेली में महेशपुर, सीबीगंज, गोविंदापुर, सनईया रानी, पस्तौर, मेवा कुवंर, नदौसी, रोठा, मथुरापुर, खलीलपुर, सरनिया, नगरिया, सनौआ, नगरिया परीक्षित, परतापुर जीवन सहाय, पीर बहोड़ा, कुर्मांचलनगर, सनसिटी विस्तार, डिफेंस कॉलोनी के 52 बूथों पर मृतक, शिफ्टेड और अनुपस्थित मतदाताओं की संख्या अधिक है। सीबीगंज औद्योगिक क्षेत्र की विमको आदि फैक्टरियां बंद हो चुकी हैं। रेलवे कॉलोनी, लेबर कॉलोनी, महिला पॉलिटेक्निक आदि से काफी कर्मचारी स्थानांतरित होकर चले गए हैं। पीर बहोड़ा, कुर्मांचल नगर में किराये पर रहने वाले मतदाता अन्य स्थानों पर शिफ्ट हो गए हैं। कई परिवार पैतृक स्थानों पर लौट गए हैं। बूथ 405 और 406 के ज्यादातर निवासी आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। उन्होंने अपने मूल निवास पर वोट बनवा रखा है।
मंडलायुक्त भूपेंद्र एस. चौधरी ने बताया कि एसआईआर अभियान में जिन विधानसभा क्षेत्रों में अधिक संख्या में अपात्र मतदाता मिले हैं, उसकी वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराएंगे। अन्य क्षेत्रों में भी दोबारा सत्यापन कराया जाएगा। मतदाता सूची में त्रुटियों की गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी।
