संसद के शीतकालीन सत्र की हंगामेदार शुरुआत हुई है। एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विपक्ष पर ‘ड्रामा नहीं, डिलीवरी’ के तंज पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने तीखा पलटवार किया है।

उन्होंने कहा कि ‘वोटर लिस्ट में सुधार’ (एसआईआर) की प्रक्रिया को गंभीरता से किया जाना चाहिए, न कि इसे एक ‘ड्रामा’ समझा जाए।’ अखिलेश ने यह भी सवाल उठाया कि क्या बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की मौतें भी ‘ड्रामा’ हैं?

 

समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि डेमोक्रेसी तभी मजबूत होगी जब हमसे वोट देने का हमारा अधिकार न छीना जाए। एसआईआर की चिंता आज सच होती जा रही है। अगर वोट कट जाएगा, तो कोई अपना सपना कैसे पूरा करेगा। मुझे जानकारी मिली है कि उन्होंने (भाजपा) नोएडा में बड़ी आईटी कंपनियों को हायर किया है और उनके जरिए उनके पास (यूपी में) वोटर लिस्ट की डिटेल्स हैं। यह चल रहा है। एसआईआर डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए नहीं बल्कि वोट काटने के लिए है। जमीन पर बीएलओ फॉर्म भी नहीं भर पा रहे हैं। उनमें से कई स्ट्रेस में हैं। जब यूपी में तुरंत कोई चुनाव नहीं है, तो इतनी जल्दी क्यों?

 





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