सीतापुर जिले के मिश्रिख वन रेंज के गोंदलामऊ इलाके के रामपुर खेवटा में 22 दिनों से दहशत बनकर चहलकदमी कर रहा तेंदुआ मंगलवार देर रात करीब दो से तीन बजे के बीच वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया। सुबह 6 बजे ग्रामीणों ने वन विभाग को फोन कर तेंदुआ फंसने की जानकारी दी।

29 अक्तूबर को दतवल में घरों की छत पर तेंदुआ घूमता देखा गया था। इसके बाद गुजरेहटा, अशरफनगर सेढोली, रामपुर खेवटा और रघुनाथपुर आदि गांवों में तेंदुए की चहलकदमी सामने आई। ग्रामीणों से तेंदुए का आमना सामना भी हुआ और खेतों में पगचिह्न भी पाए गए। इससे करीब 30 गांवों में तेंदुए की दहशत बनी हुई थी।

वन विभाग ने ज्यादा सक्रियता वाले क्षेत्र रामपुर खेवटा के करीब 6 नवंबर को पिंजरा लगाया था। वन विभाग के दरोगा अनिल यादव ने बताया कि निगरानी कर रही टीम ने बुधवार सुबह पिंजरे में तेंदुआ कैद देखा। आतंक का पर्याय बने तेंदुए के पकड़े जाने से लोगों ने राहत की सांस ली है। 

उदईपुर पूर्वी मजरा राजपुर के करीब गन्ने के खेत में 5 नवंबर को तेंदुआ आराम फरमाता नजर आया था। ग्रामीणों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। हालांकि, अंधेरा होने से वन विभाग तेंदुए को पकड़ पाने में सफल नहीं रहा था। वहीं, बिराहिमपुर के पास रास्ते पर घूमते हुए तेंदुए का वीडियो एक डाला चालक ने बनाया था।

 पिंजरा हटाने पर होना था निर्णय

रामपुर खेवटा में वन विभाग पिंजरा हटाने पर आज निर्णय करने जा रहा था। पिंजरे में एक बकरी बंधी थी। इसी को खाने तेंदुआ पिंजरे में घुसा और कैद हो गया।



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