Six employees including the CMO of Agra have been implicated in the case of assault and threats

सीएमओ, आगरा
– फोटो : अमर उजाला

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आगरा में मारपीट, गाली गलौज और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ने सीएमओ सहित 6 अन्य डॉक्टर और कर्मचारियों के खिलाफ वाद प्रस्तुत किया। अदालत ने बयान दर्ज करने के लिए 10 अक्तूबर 2024 की तारीख तय कर दी। अधिवक्ता राजेंद्र गुप्ता धीरज ने कोर्ट में वाद प्रस्तुत किया। इसमें आरोप लगाया कि बीते 27 अगस्त 2024 को शाम 5.30 बजे के करीब वह अपने साथी योगेंद्र कुमार के साथ अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आगरा मंडल कार्यालय में मेडिकल बोर्ड गठित होने की सूचना प्राप्त करने पहुंचे थे।

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वहां मौजूद लिपिक सुशील पांडे ने बताया कि एडी निरीक्षण करने के लिए मथुरा गए हैं। अधिवक्ता राजेंद्र ने बताया कि उनकी पुत्री गर्विता राज के मेडिकल कराने की बारी आने में 2 माह का समय लग गया। मेडिकल बोर्ड गठित होने की सूचना उन्हें नहीं दी गई। इसके चलते उनकी पुत्री की नौकरी की फाइल पुलिस कार्यालय में रुकी पड़ी है। इस पर सीएमओ का बाबू मनीष निगम कहने लगा कि सीएमओ साहब ने 13 अगस्त 2024 को मेडिकल बोर्ड गठित कर अभ्यर्थियों को जांच के लिए बुलाया था। गर्विता नहीं आई तो मेडिकल नहीं हो सका। कर्मचारियों से बात हो ही रही थी कि अपर निदेशक की गाड़ी कार्यालय पहुंची, वो कार से उतर कर अंदर चले गए। समस्या से अवगत कराने लिए उनसे मुलाकात करने का प्रयास किया गया, लेकिन वो मिलने से मना कर दिए।

जब वो घर लौटने लगे तो पीछे से आए सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव, डिप्टी सीएमओ डॉ. नंदन सिंह, भाग्यश्री और बाबू मनीष निगम ने उन्हें रोक लिया, और गालियां देने लगे। विरोध पर मारपीट कर जान से मारने की धमकी दिए।

 



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