SOG daroga Mahesh Pathak booked under Corruption Act

आगरा पुलिस की गाड़ी (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : अमर उजाला

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आगरा में लंबे समय तक एसओजी में तैनात रहे पुलिसकर्मी महेश कुमार पाठक के खिलाफ थाना कमला नगर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुकदमा दर्ज कराया है। वर्तमान में पाठक प्रोन्नति पाकर एसआई बन चुका है और इटावा के पछायगांव थाने में तैनात है। खुली जांच में उसे विजिलेंस ने दोषी पाया है।

अपर पुलिस महानिदेशक लोक शिकायत ने 31 अक्तूबर 2020 को मुख्य आरक्षी महेश कुमार पाठक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच के निर्देश दिए थे। जांच विजिलेंस आगरा सेक्टर द्वारा कराई गई। महेश कुमार पाठक पदोन्नति के बाद दरोगा बन गया है।

जांच के दौरान यह पाया गया कि उन्होंने अपने वैध स्रोत से 66,91,344 रुपये अर्जित किए। इस अवधि में उन्होंने चल-अचल परिसंपत्तियों के अर्जन एवं भरण पोषण में 2.54 करोड़ रुपये खर्च किए गए। उन्होंने अपनी आय के सापेक्ष 1.87 करोड़ रुपये अधिक व्यय किए। उनसे इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया। वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इसी आधार पर उन्हें प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का मुकदमा दर्ज कराया गया है। इंस्पेक्टर राजकिशोर यादव ने मुकदमा दर्ज कराया है।

सटोरियों से रहे थे संबंध

आगरा एसओजी में महेश कुमार पाठक ने लंबा समय बिताया है। क्रिकेट सट्टे के बुकियों से नजदीकी के चलते वह सुर्खियों में रहा। आगरा से स्थानांतरण के बाद भी उसे बुकियों का करीबी बताया गया। इसी वजह से उसकी शिकायत हुई थी। आगरा में तैनात न होने के बावजूद तत्कालीन एसएसपी ने उसकी आय से अधिक संपत्ति की जांच के लिए लिखा था।

 



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