संवाद न्यूज एजेंसी, लखनऊ
Updated Thu, 07 Mar 2024 12:39 AM IST
लालगंज (रायबरेली)। बेटे ने वृद्ध मां को घर से निकाल दिया तो बुजुर्ग महिला ने जीवन यापन के लिए तहसील का दरवाजा खटखटाया। मामले में एसडीएम ने सुनवाई कर रेलवे में कार्यरत बेटे को बुजुर्ग मां के जीवन यापन के लिए हर माह 5000 रुपए गुजारा भत्ता दिए जाने का फैसला सुनाया। एसडीएम के इस फैसले की पूरे क्षेत्र में चर्चा आम रही। एसडीएम ने फैसला वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण अधिकरण के तहत सुनाया है।
70 वर्षीय चंद्रकला पत्नी बिंदादीन निवासी ठकुराइन खेड़ा मजरे यूसुफपुर थाना लालगंज को छह माह पूर्व उनके बेटे परमेश्वर ने मारपीट कर घर से निकाल दिया था। इससे बुजुर्ग महिला जीवन यापन के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हो गई। बेटे की इस हरकत के सामने चंद्रकला ने हार नहीं मानी और अपने हक के लिए प्रशासन का दरवाजा खटखटाया। चंद्रकला ने भरण पोषण अधिकरण लालगंज में उत्तर प्रदेश माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 के तहत पुत्र परमेश्वर के विरुद्ध आवेदन दिया।
जिसमें आरोप लगाया कि उसका भरण पोषण करने के बजाय उसके बेटे ने उसे मारपीट कर घर से भगा दिया।
एसडीएम मनोज कुमार सिंह ने बताया कि परमेश्वर अपनी मां का भरण पोषण नहीं करता है। परमेश्वर रेलवे में नौकरी करता है। मामले में परमेश्वर को तीन बार नोटिस जारी की गई, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। इस पर चंद्रकला का पक्ष सुनकर परमेश्वर को 5000 रुपए मासिक गुजारे भत्ते के रूप में आदेश दिया गया। एसडीएम के इस निर्णय की पूरे दिन क्षेत्र में चर्चा आम रही है।