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डलमऊ क्षेत्र के नरेंद्रपुर गांव में फ्लोर क्लीनर की पैकिंग करती समूह की महिलाएं। – फोटो : संवाद
रायबरेली। आर्थिक तंगी का दंश झेल रहीं नरेंद्रपुर गांव की दस महिलाओं ने आजीविका मिशन को पतवार बनाया है। इसके सहारे रोजगार शुरू करके न सिर्फ परिवार को खुशी दी, बल्कि गांव की महिलाओं को स्वावलंबन की सीख भी दे रही हैं।
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डलमऊ के नरेंद्रपुर गांव की सुमन सिंह ने अपना रोजगार शुरू करने का सपना देखा। इस पर गांव की महिलाओं के साथ बैठक कर उनको स्वरोजगार के लिए तैयार किया। इसके बाद वर्ष 2022 में गांव की 10 महिलाओं को एकत्र कर भोले बाबा महिला स्वयं सहायता समूह का गठन किया। सभी ने सौ-सौ रुपये की बचत की।
आजीविका मिशन के ब्लॉक मिशन प्रबंधक विवेक त्रिवेदी ने समूह की महिलाओं से मुलाकात करके आजीविका मिशन से 1.10 लाख सामुदायिक निधि के अलावा सीसीएल के मध्यम से बैंक से दो लाख का ऋण स्वीकृत कराया। महिलाओं को बैंक ऑफ बड़ौदा स्वरोजगार की ओर से प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद महिलाओं ने फर्श क्लीनर बनाने का काम शुरू किया।
समूह की अध्यक्ष सुमन ने बताया कि आधा लीटर फर्श क्लीनर बनाने में 40 रुपये का खर्च आता है। बाजार में इसकी कीमत 90 रुपये है। समूह से बने फर्श क्लीनर की आपूर्ति ब्लॉक क्षेत्र के सभी गांवों में बने सामुदायिक शौचालयों में की जा रही है। इसकी मांग फतेहपुर में भी है।
इससे समूह की हर सदस्य को तीन से चार हजार रुपये प्रतिमाह की आय हो रही है। उपायुक्त स्वरोजगार ऋषि पाल सिंह ने बताया कि गांव में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।