उत्तर प्रदेश के 22 लाख राज्य कर्मचारी पुरानी पेंशन को लागू न किए जाने से बहुत खफा हैं। ये कर्मचारी पुरानी पेंशन को लागू कराने के लिए नए साल में 20 जनवरी को सड़कों पर उतरेंगे। रविवार को यह एलान राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने चाय पर चर्चा कार्यक्रम में किया।
गोमती नगर स्थित एक होटल में आयोजित चर्चा में अध्यक्ष ने कहा कि शासन और कर्मचारियों के बीच एक साल से संवाद पूरी तरह से ठप है। सरकार प्रजातंत्र को दबाने का काम कर रही है। पुरानी पेंशन का मुद्दा 15 वर्षों से उलझाए हुए है। जबकि विधायक और संसद पेंशन ले रहे हैं और राज्य कर्मियों के खाते में टेंशन है। सरकार की पेंशन देने की मंशा ही नहीं है।
उन्होंने तमाम विभाग के कर्मचारी नेताओं की उपस्थित में कहा कि सरकार ने पुरानी पेंशन को लागू नहीं किया तो नए साल में बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने नेताओं से आह्वान किया कि वह इस आंदोलन की तैयारी शुरू कर दें। प्रदेश के 22 लाख कर्मियों में 12 लाख राज्यकर्मी एवं 10 लाख निगमों-संस्थानों में तैनात है।
यह समस्याएं भी उठीं
- कर्मियों को कैशलेस इलाज का सही तरीके से लाभ नहीं।
- विभागों में वर्तमान में 80 फीसदी संविदा कार्मिक तैनात।
- आउटसोर्स कर्मियों को न्यूनतम 20 हजार देने का वादा पूरा नहीं।
- 2.29 लाख आशा बहुओं का मानदेय चार माह से बकाया।