
पेपर लीक होने के बाद अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया था (फाइल फोटो)
– फोटो : amar ujala
विस्तार
सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने अपनी रिपोर्ट बीते दिनों शासन को सौंप दी है। इसमें पेपर लीक करने वाले गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी और वांछितों के बारे में उल्लेख करने के साथ ही सुरक्षा में हुई चूक का भी विस्तार से जिक्र किया गया है। बता दें कि एसटीएफ की मेरठ यूनिट पेपर लीक से जुड़े एक मुकदमे की अभी विवेचना कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ को अभी पेपर छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस के मालिक से पूछताछ करनी है, हालांकि वह पेपर लीक होने के बाद अमेरिका जाने के बाद से वापस नहीं आया है। एसटीएफ की मेरठ यूनिट प्रिंटिंग प्रेस के मालिक के अहमदाबाद स्थित पते पर तीन नोटिस भेज चुकी है।
ये भी पढ़ें – अयोध्या में भाजपा की हार… अचूक रहा सपा के अवधेश का साइलेंट मैनेजमेंट, पलट गई बाजी
ये भी पढ़ें – क्या फिर बड़ा फैसला लेंगी मेनका गांधी?… जीत के बावजूद न मिला था केंद्र में मंत्रालय
बता दें कि सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर भर्ती के लिए 18 व 19 फरवरी को लिखित परीक्षा का आयोजन हुआ था। पेपर लीक गिरोह ने अहमदाबाद स्थित प्रिंटिंग प्रेस से ट्रांसपोर्ट कंपनी को भेजे गए वेयरहाउस से दोनों दिन की दूसरी पालियों का पेपर चोरी करके फोटो खींच ली थी।
इस मामले में एसटीएफ ने मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा, रवि अत्री, डॉ. शुभम मंडल, दिल्ली पुलिस के सिपाही विक्रम बहल, शरद सिंह, दीप उर्फ दीपक, बिट्टू, प्रवीण, रोहित, विनोद कुमार, नवीन कुमार, महेंद्र, अभिषेक शुक्ला, शिवम गिरि, रोहित कुमार समेत 17 लोगों को गिरफ्तार किया था।
