stone carvings and mosaics of Agra can get GI tag

ताजनगरी की मशहूर पच्चीकारी
– फोटो : अमर उजाला

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जिस तरह उत्तर प्रदेश के आगरा का जूता दुनियाभर में निर्यात हो रहा है। उसी तरह पत्थर पर नक्काशी व पच्चीकारी की बेहद मांग है। इस हस्तशिल्प के लिए हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने जीआई टैग (विशिष्ट पहचान चिह्न) के लिए आवेदन किया है। बुधवार को संजय प्लेस स्थित एक होटल में एसोसिएशन की वार्षिक सभा आयोजित की गई। जहां पत्थर के हस्तशिल्प निर्यातकों ने आगरा में हस्तशिल्प पार्क बनाए जाने का प्रस्ताव रखा।

वार्षिक सभा की अध्यक्षता रजत अस्थाना ने की। सचिव डॉ. एसके त्यागी ने वार्षिक लेखा-जोखा रखा। सदस्यों ने अनुभव साझा किए। हस्तशिल्प निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए एक कॉमन फैसिलिटी सेंटर व हस्तशिल्प पार्क बनाने की मांग रखी। अध्यक्ष रजत अस्थाना ने बताया कि जियोफिजिकल टैगिंग पंजीकरण के लिए पत्थर पर नक्काशी व पच्चीकारी के उत्पादों के लिए आवेदन किया है।

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सभा में हस्तशिल्प क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए संस्था संस्थापक सदस्य गोविंद सिंघल, सुरेश चंद्र अग्रवाल, विपनेश त्यागी, संतोष कुमार, रमेश चंद शर्मा, अंकित अग्रवाल को सम्मानित किया। इस दौरान अनुराग मित्तल, रोहित गोयल, अनुज मित्तल, नवीन बंसल, रवी वर्मा, नरेंद्र वर्मा, नवल, ज्ञानेश, रीतेश गुप्ता, अनुराग गर्ग आदि मौजूद रहे।



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