Stoves did not burn in houses after 15 accused of caste conflict sentenced to life imprisonment in Mathura

दतिया कांड: 15 को उम्रकैद के बाद गांव में तनाव, घरों में नहीं जले चूल्हे
– फोटो : अमर उजाला

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उत्तर प्रदेश के मथुरा में 23 जनवरी 2001 को हुए जातीय संघर्ष के 15 दोषियों को बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। इसके बाद गांव में तनाव का माहौल पैदा हो गया है। दोषी पक्ष के घरों में बृहस्पतिवार को भी चूल्हे नहीं जले। गांव में दिन भर दोनों पक्षों के इलाकों में बैठक-चर्चाओं का दौर चलता रहा। सवर्ण पक्ष के लोगों में नाराजगी थी तो वहीं, अनुसूचित जाति पक्ष के लोगों के घरों में खुशी का माहौल था।

मामला हाईवे थाना क्षेत्र के दतिया गांव का है। यहां जातीय संघर्ष में छह माह की गुड़िया जिंदा जल गई थी। 23 साल बाद कोर्ट से इंसाफ होने के बाद उसके घर में खुशियां छा गई। गुड़िया का पिता चंदन सिंह फर्नीचर का काम करते हैं। मां कमलेश गृहिणी हैं। दंपती ने बताया कि गुड़िया उनकी पहली बेटी थी। उस वक्त एक और बेटा श्याम सिंह भी मासूम ही था। गनीमत रही कि वह बच गया। परिवार में तीन और बेटियां हैं। इनमें से दो की शादी अब हो चुकी है।



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