Students angry over removal of Deeniyat questions from Indo-Islamic in class 11 entrance exam

एएमयू में मार्च निकालते छात्र
– फोटो : संवाद

विस्तार


एएमयू के स्कूल की कक्षा-11 की प्रवेश परीक्षा के पाठ्यक्रम इंडो-इस्लामिक से दीनियात के सवालों को हटाने पर छात्रों में गुस्सा है। उन्होंने इंडो-इस्लामिक में दोबारा सवाल शामिल न करने पर आंदोलन की धमकी दी है। इस दौरान छात्रों ने छात्र संघ चुनाव सहित अन्य मांगों को लेकर शांति मार्च निकाला।

 

9 मई को छात्रों ने विदेशी भाषा विभाग से बाब-ए-सैयद तक शांति मार्च निकाल कर प्रदर्शन किया। छात्र नेता जानिब अली ने बताया कि एएमयू में कई वर्षों से छात्र संघ चुनाव नहीं कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि जल्द छात्र संघ चुनाव कराए जाएं। कहा, कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कक्षा-11 की प्रवेश परीक्षा के पाठ्यक्रम इंडो-इस्लामिक से दीनियात के सवालों में कटौती की है। अगर, उन्हें दोबारा शामिल नहीं किया तो आंदोलन होगा। उन्होंने कहा कि आए दिन बाहरी लोग यूनिवर्सिटी परिसर में आकर फायरिंग व अराजकता की घटना को अंजाम देते हैं। पुलिस के माध्यम एएमयू प्रशासन बाहरी अराजकतत्वों के विरुद्ध कार्रवाई कराए।

इस संबंध में प्रॉक्टर प्रो. मोहम्मद वसीम अली ने बताया कि छात्रों ने मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र को कुलपति तक पहुंचाया जाएगा। प्रॉक्टर ने कहा कि छह महीने में पिछले दिनों फायरिंग की घटना घटी थी। दोषियों को पुलिस के हवाले कर दिया गया है। वह एएमयू के छात्र नहीं हैं। उधर, जमीयत उलमा हिंद ने इंडो-इस्लामिक से दीनियात के सवालों को हटाने पर विदेशी भाषा विभाग के अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा। उलमा हिंद के पदाधिकारियों ने सवालों को दोबारा शामिल किए जाने की मांग की है। चर्चा के अनुसार उलमा हिंद के पदाधिकारियों को कुलपति कार्यालय से पहले ही रोक दिया गया।

यह हैं मांगें 

– एएमयू छात्र संघ चुनाव 

-पीजी पाठ्यक्रमों और प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों के लिए आयु सीमा न हो 

-प्रवेश पाठ्यक्रम में इंडो-इस्लामिक विषय से हटाए गए सवालों को दोबारा शामिल करें 

-एलएलबी पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी दी जाए

-प्रवेश और प्रवेश शुल्क को कम किया जाए

-डाइनिंग सामग्री को विश्वविद्यालय खरीदे

-अपराधी और बाहरी व्यक्ति का कैंपस में प्रवेश न हो 

-छात्रों के लिए हॉस्टल को तत्काल आवंटित किया जाए 

-बिना जांच के छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज न हो 

-अनुमति के बिना कैंपस में बाहरी पुलिस को प्रवेश न हो 

-जरूरतमंदों की जेएनएमसी में चिकित्सा, प्रयोगशाला और अल्ट्रासाउंड और अन्य जांच मुफ्त में हो 

-एएमयू कैंपस में सही तरीके से पेट्रोलिंग हो 

-सहायक प्रॉक्टर, वार्डन आदि पदों पर आधिकारिक पदों के लिए बाहरी शिक्षकों और अस्थायी शिक्षकों को नियुक्त न किया जाए

-एएमयू के दैनिक वेतनभोगी और सुरक्षा गार्ड के लिए चिकित्सा सुविधाएं मुफ्त हो 

-कुलपति के साथ शिक्षकों, विद्यार्थियों, कर्मचारियों की समय पर बातचीत होनी चाहिए



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