क्या है P75 स्कॉर्पीन प्रोजेक्ट?

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(भारत) भारत-फ्रांस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुंबई में 03 फ्रांसीसी डिजाइन वाली स्कॉर्पीन श्रेणी की 3 हंटर-किलर पनडुब्बियों के निर्माण की दिशा में प्रगति हुई है। ये पनडुब्बी नई तकनीकों से लैस होंगे. भारत में पहले से ऐसी छह पनडुब्बियां हैं। DRDO ने स्कॉर्पीन क्लास की P75 के लिए एक ऐसा तकनीक तैयार जिसके जरिए सबमरीन पानी के भीतर लंबे वक्त तक गोता लगाए रह सकेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 फरवरी से 12 फरवरी तक फ्रांस के दौरे पर थे। उनके दौरे के आखिरी दिन भारत और फ्रांस ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया है। इस बयान में भारत के लिए कई खुशखबरी हैं। भारत-फ्रांस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुंबई में तीन फ्रांसीसी डिजाइन वाली स्कॉर्पीन श्रेणी की ‘हंटर-किलर’ पनडुब्बियों के निर्माण की दिशा में प्रगति हुई हैबता दें भारत पहले से ही इस तरह की छह पनडुब्बियों का संचालन कर रहा है; इनमें से सबसे हालिया, आईएनएस वाग्शीर है। पीएम मोदी ने पिछले महीने की तीन हमालावर जहाजों को कमीशन किया था, इनमें वाग्शीर भी शामिल था।
“भारत और फ्रांस के बीच बढ़ता रक्षा सहयोग” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच मार्सिले में हुई वार्ता के बाद इस बात की पुष्टि हुई कि नौसेना की संख्या में जल्द ही तीन और स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियां जुड़ जाएंगी। दोनों ने पिछले साल के महत्वाकांक्षी रक्षा औद्योगिक रोडमैप की तरफ से अपनी-अपनी सेनाओं के बीच चल रहे सहयोग का स्वागत किया और उस सहयोग की सराहना की जिसके तहत भारत में स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का सफल निर्माण किया गया।
“समुद्र में ढूंढते-ढूंढते थक जाएगा दुश्मन” भारत में बनने में स्कॉर्पीन क्लास के पनडुब्बी को लेकर एक खास बात है कि इसे पानी के भीतर तलाशना काफी मुश्किल है। DRDO Scorpene Class की P 75 के लिए एक ऐसा तकनीक तैयार जिसके जरिए सबमरीन पानी के भीतर लंबे वक्त तक गोता लगाए रह सकेगा। इस तकनीक को एयर इंडिपेंडेट प्रोपल्शन AIPकहा जाता है। इसके जरिए पारंपरिक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुबी काफी देर तक पानी में रह सकते हैं और दुश्मन को इसकी भनक भी नहीं लग पाती है।
भारत और फ्रांस के बयान में और क्या कहा गया?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी और मैक्रों ने रक्षा, असैन्य परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष के रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा की।
भारत और फ्रांस के शीर्ष नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया और UNSC मामलों पर समन्वय बिठाने पर सहमति जताई।
भारत और फ्रांस ने द्विपक्षीय संबंधों, वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की।पीएम मोदी और मैक्रों ने भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के लिए मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
प्रधानमंत्री मोदी और मैक्रों ने रक्षा, असैन्य परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष के रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा की।
एआई क्षेत्र को जनहित में सामाजिक, आर्थिक परिणाम सुनिश्चित करने के लिए ठोस कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता जताई गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मैक्रों ने न्यायसंगत, शांतिपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बहुपक्षवाद में सुधार का की बात कही है।
फ्रांस ने UNSC में भारत की स्थाई सदस्यता की वकालत की है और अपना समर्थन जाहिर किया है।
दोनों नेताओं ने प्रौद्योगिकी, नवाचार के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी और मैक्रों ने व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ाने का आह्वान किया। इसके साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भागीदारी को गहरा करने की प्रतिबद्धता जताई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मैक्रों ने मार्च 2026 में नई दिल्ली में भारत-फ्रांस नवप्रवर्तन वर्ष’ का शुभारंभ’ के उद्घाटन की घोषणा की। Navy के महत्वाकांक्षी P75 स्कॉर्पीन प्रोजेक्ट के तहत डेवलप की गई छठवीं पनडुब्बी INS वागशीर 12//02/2025 को मुंबई के मझगांव डॉक पर लॉन्च की जाएगी। INS वागशीर मुख्य रूप से एक हमलावर पनडुब्बी या हंटर-किलर है। यानी इसे दुश्मनों के वॉरशिप को डुबोने के लिए तैयार किया गया है। यह एक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है। इसकी लंबाई 221 फीट और ऊंचाई 40 फीट है।जानकारी के मुताबिक, यह पनडुब्बी समुद्र के अंदर 20 समुद्री मील (37 किमी/ घंटा) की टॉप स्पीड तक और सतह पर 11 समुद्री मील (20 किमी/ घंटा) की टॉप स्पीड तक पहुंच सकती है। यह 350 फीट की गहराई तक जा सकती है और 50 दिनों तक पानी में रह सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, INS वागशीर अपने साथ 18 टॉरपीडो ले जा सकती है और एक साथ करीब 30 माइंस बिछा सकती है।
इंडियन नेवी को मिलेगी हंटर- किलर:आज मुंबई में लॉन्च होगी INS वागशीर, P75 स्कॉर्पीन प्रोजेक्ट के तहत डेवलप की गई छठवीं पनडुब्बी
मुंबई3 वर्ष पहले
आज मुंबई में लॉन्च होगी INS वागशीर, P75 स्कॉर्पीन प्रोजेक्ट के तहत डेवलप की गई छठवीं पनडुब्बी। देश : Navy के महत्वाकांक्षी P75 स्कॉर्पीन प्रोजेक्ट के तहत डेवलप की गई छठवीं पनडुब्बी INS वागशीर बुधवार को मुंबई के मझगांव डॉक पर लॉन्च की जाएगी। INS वागशीर मुख्य रूप से एक हमलावर पनडुब्बी या हंटर-किलर है। यानी इसे दुश्मनों के वॉरशिप को डुबोने के लिए तैयार किया गया है। यह एक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है। इसकी लंबाई 221 फीट और ऊंचाई 40 फीट है।
जानकारी के मुताबिक, यह पनडुब्बी समुद्र के अंदर 20 समुद्री मील (37 किमी/ घंटा) की टॉप स्पीड तक और सतह पर 11 समुद्री मील (20 किमी/ घंटा) की टॉप स्पीड तक पहुंच सकती है। यह 350 फीट की गहराई तक जा सकती है और 50 दिनों तक पानी में रह सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, INS वागशीर अपने साथ 18 टॉरपीडो ले जा सकती है और एक साथ करीब 30 माइंस बिछा सकती है।
2024 में नेवी में कमीशन होने की उम्मीद नेवी में कमीशन होने से पहले इसे ट्रायल से गुजरना होगा। INS वागशीर के मार्च 2024 में नेवी फ्लीट में शामिल होने की उम्मीद है। अपनी स्टील्थ टेक्नोलॉजी की वजह से यह दुश्मन के सोनार को आसानी से चकमा दे सकती है। INS वागशीर को दुनिया की सबसे मॉडर्न पारंपरिक पनडुब्बियों में से एक माना जाता है।
स्कॉर्पीन सबमरीन एंटी-सरफेस वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, खुफिया जानकारी जुटाना, माइन बिछाने और एरिया सर्विलांस का काम कर सकती हैं। इसका 40% से अधिक हिस्सा मुंबई के मझगांव डॉक में आत्मनिर्भर भारत प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है।