Such is plight of heritage bricks of Chinga Modi bridge are crumbling responsible people have turned blind eye

पुल छिंगा मोदी
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

विस्तार


मुगलिया दौर में शहर की सुरक्षा दीवार यानी सिटी वॉल के 16 दरवाजों में से एक पुल छिंगा मोदी गिरासू हालत में है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से यह धरोहर संरक्षित है, लेकिन लापरवाही और देखरेख न होने से इसकी ककैया ईंटे निकल रही हैं। एएसआई संरक्षित स्मारक के अंदर कचरा डाला जा रहा है, वहीं विद्युत आपूर्ति के लिए उपकरण भी लगा दिए गए हैं।

Trending Videos

मुगल काल में 300 साल पहले वर्ष 1720-1730 के आसपास मोहम्मद शाह के शासनकाल में बने सिटी वॉल का यह प्रमुख गेट है। ताज से यमुना किनारे के बीच तक बनी सिटी वॉल में 16 दरवाजे थे, जिनमें पुल छिंगा मोदी गोकुलपुरा, लोहामंडी का प्रमुख दरवाजा रहा है। अब यह अतिक्रमण का शिकार है। इस गेट के दोनों ओर धर्मस्थल बना दिए गए हैं, वहीं इससे सटाकर मकान बने हैं, जिनके कारण अब यह दूर से नजर नहीं आता। ककैया ईंट और चूना प्लास्टर से बने पुल छिंगा मोदी का उपयोग निगरानी टावर के रूप में किया जाता था।

इसकी मोटाई कई जगह चार से पांच फीट तक है। आगरा एप्रूव्ड गाइड एसोसिएशन अध्यक्ष शमशुद्दीन का कहना है कि एएसआई ने शहर की धरोहरों को संरक्षित रखने में कोई ध्यान नहीं दिया। सिटी वॉल और पुराने समय की सुरक्षा दीवार को बताने के लिए इसका संरक्षण जरूरी है। बिजली के उपकरण, कचरा के साथ अतिक्रमण हटाया जाए।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *