
सुल्तानपुर लूटकांड।
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
एसटीएफ से मुठभेड़ में मारे गए अनुज प्रताप सिंह की गैंगस्टर विपिन से बेहद नजदीकी थी। गुजरात के सूरत में बैंक ऑफ महाराष्ट्र की डकैती में विपिन, अरबाज और फुरकान के साथ वह भी शामिल था। 13 माह के भीतर उसने दूसरी बार सुल्तानपुर में डकैती डाली, लेकिन इस बार वह एसटीएफ के निशाने पर आ गया।
अमेठी के जनापुर क्षेत्र के मोहनगंज निवासी अनुज के खिलाफ एनकाउंटर के पहले सिर्फ तीन मुकदमे दर्ज थे, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि तीन में से दो केस डकैती के थे। पहली डकैती 11 अगस्त 2023 को गुजरात के सूरत सिटी में बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 13.50 लाख रुपये की डाली थी। डकैती के एक हफ्ते बाद 18 अगस्त को ही सूरत क्राइम ब्रांच ने विपिन, अरबाज, फुरकान और अनुज को रुपये के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहां सभी साड़ी की खरीदारी के बहाने दुकानों की रेकी करते थे और उसके बाद वारदात को अंजाम देते थे।
बैंक डकैती से पहले आरोपियों ने सूरत के कडोदरा व भेस्तान क्षेत्र से दो मोटरसाइकिलें चोरी की थीं। सूरत ग्रामीण क्षेत्र के चलथान में एक ज्वेलर्स को लूटने के लिए करीब चार दिन तक रेकी की थी। हालांकि, इसमें वे सफल नहीं हो पाए थे। इसके बाद चारों ने बैंक में डकैती डाली। इसी वारदात से विपिन और अनुज के बीच संपर्क बढ़ा था। सूरत में ही 2023 में अनुज के खिलाफ चोरी का केस दर्ज किया गया था। गुजरात में डकैती के करीब एक साल बाद ठठेरी बाजार में सराफा की दुकान में दिनदहाड़े डकैती डाली गई। मास्टरमाइंड विपिन सिंह पर्दे के पीछे रहा और उसने अनुज, फुरकान, अरबाज, मंगेश यादव व अंकित को डकैती डालने भेजा। डकैती के बाद उसी ने सारा माल ठिकाने लगाया था, जिसमें से अधिकांश आभूषण पुलिस ने बरामद कर लिए। विपिन अभी रायबरेली जेल में बंद है।
जातिवाद नहीं कर रही सरकार : भरत
ठठेरी बाजार निवासी भरतजी सोनी की दुकान में बदमाशों ने डकैती डाली थी। अनुज के एनकाउंटर की सूचना मिलने के बाद उन्होंने कहा कि सरकार कोई जातिवाद नहीं कर रही है। अपराधियों की कोई जाति नहीं होती। मेरी दुकान में डकैती डालने वालों में कई जाति और धर्म के बदमाश शामिल थे।