राधे-राधे जपो चले आएंगे बिहारी…
इसके बाद राधे-राधे जपो चले आएंगे बिहारी, श्याम चंदा है, श्यामा चकोरी, बड़ी सुंदर है दोनों की जोड़ी… भजन पर लोग डांडिया लेकर ऑडिटोरियम में झूमने लगे। म्हारा सांवरिया सरकार और मुझे चढ़ गया श्याम का रंग जैसे गीतों पर लोग देर तक झूमते रहे। कार्यक्रम के अंत में फूलों की होली खेली गई।
भजन गायकों का किया सम्मान
करीब ढाई घंटे तक चले कार्यक्रम के अंत में भजन गायक ध्रुव शर्मा और स्वर्ण श्री का सम्मान वीजे ज्वेलर्स की ओर से किया गया। इस दौरान आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव राजेश कुमार, उद्यमी पूरन डावर, रीडा बाय रितिका जिंदल से रितिका जिंदल, वीजे ज्वेलर्स से सौरभ जिंदल, डॉली बंसल, अभिनव वर्मा, अविचल वर्मा, एसकेएम कांट्रैक्टर से कुलदीप सिंह, भगत हलवाई से राजकुमार भगत, शौर्य एंटरप्राइजेज से सचिन सोलंकी, पूजा सक्सेना आदि की मौजूदगी रही। कार्यक्रम का संचालन दीपक जैन ने किया।
ये रहे मुख्य प्रायोजक
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, तपन ग्रुप, डॉ. एमपीएस वर्ल्ड स्कूल, डॉ. उमेश कुमार गर्ग, एमबीबीएस, एमडी, डीएम कार्यक्रम के मुख्य प्रायोजक रहे। वहीं स्टार एस्टेट, सेफकॉन लाइफ साइंसेज, बिभव बिल्डर्स, द इंटरनेशनल स्कूल (टीसा), भगत हलवाई नेहरू नगर, कालेश्वरी पावर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिमटेड, डीएसएम सोल्स, भावना हाउसिंग, वृंदा द सिल्वर पॉइंट (वीजे ज्वेलर्स), एसकेएम कॉन्ट्रेक्टर एंड सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, शौर्य एंटरप्राइजेज, सिटी ढाबा, बायपास रोड, मोशन एकेडमी और मुंशी पन्ना मसाले।
भक्ति का सहज माध्यम है भजन: ध्रुव-स्वर्ण श्री
प्रसिद्ध भजन गायक ध्रुव शर्मा और स्वर्ण श्री का कहना है कि ईश्वर भक्ति का सहज साधन भजन है। भक्ति गीत से व्यक्ति सहजता से ईश्वर से जुड़ जाता है। ध्रुव ने बताया कि साढ़े चार साल की उम्र से उन्होंने संगीत साधना शुरू कर दी थी और भक्त परिवार से जुड़ा होने के कारण स्वत: ही भक्ति गीतों की ओर रुझान हो गया। स्वर्ण श्री का भगवताचार्य से भजन गायिका का सफर भी ईश्वर की प्रेरणा से ही हुआ। उन्होंने बताया कि संगीत की कोई विधिवत शिक्षा नहीं ली बस ध्रुव के सानिध्य में सहजता से गायन संभव हुआ। वह ईश्वर भक्ति का सबसे सहज माध्यम भजन को मानती हैं।