survey of Ministry of Statistics: सांख्यिकी मंत्रालय के मॉड्यूलर सर्वे से इस बात का खुलासा हुआ है कि यूपी की महिलाएं न तो उधार देती हैं और न ही उधार लेती हैं। उनका बचत करने का तरीका भी अलग है।
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सर्वे में हुआ खुलासा।
– फोटो : अमर उजाला।
उत्तर प्रदेश की ज्यादातर महिलाएं उधार पर विश्वास कम करती हैं। न उधार देती हैं और न ही उधार लेती हैं। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाली प्रति एक लाख महिलाओं में केवल 3049 ने ही उधार लेनदेन किया है। वहीं शहरी क्षेत्रों की महिलाएं तो इनसे भी ज्यादा जागरूक हैं। उनकी प्रति लाख संख्या केवल 2088 है। देश के बड़े राज्यों में ये संख्या सबसे कम है। वहीं पुरुष उधार लेनदेन में काफी आगे हैं। ग्रामीण इलाकों के 21 फीसदी और शहरों के 20 फीसदी पुरुष इस मायाजाल में फंसे हैं। इसका खुलासा सांख्यिकी मंत्रालय के मॉड्यूलर सर्वे से हुआ है।
यूपी की महिलाओं का ‘मनी मैनेजमेंट’ देश के सभी बड़े राज्यों की तुलना में सबसे अच्छा है। यूं कहें कि खर्च और बचत के मामले में यूपी की महिलाएं बेजोड़ हैं। अपने इस हुनर की वजह से यहां की महिलाएं उधार लेने से बचती हैं। अपनी बचत और खर्चों में कटौती कर जरूरतों को पूरा कर लेती हैं। ये उधार भी उन्हें शादी-बीमारी और शिक्षा की आपात स्थिति में लेने के लिए बाध्य होना पड़ा। अगर उधार लेने की इस आदत की तुलना अन्य राज्यों से करें तो दक्षिण के राज्य इसमें बहुत आगे हैं। आंध्र के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 60 फीसदी पुरुष और 65 फीसदी महिलाओं ने उधार लिया। कर्नाटक के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले करीब 48 फीसदी पुरुष और 27 फीसदी महिलाओं ने उधार लिया। शहरों में ये संख्या 45 और 18 फीसदी है।