होली में सिंथेटिक रंग के बजाय हर्बल गुलाल के उपयोग की सलाह चिकित्सक दे रहे हैं। सिंथेटिक रंगों से एलर्जी, आंख-कान में संक्रमण का खतरा है। इस वजह से होली खेलने से पहले चेहरे, गर्दन और बालों में नारियल का तेल लगाने की सलाह दी जा रही है।
ईएनटी रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक मित्तल ने बताया कि सिंथेटिक रंग में रासायनिक तत्व होते हैं। ये त्वचा के साथ कान और आंखों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। कान में रंग जाने पर संक्रमण हो सकता है। कान का पर्दा प्रभावित होता है। आंख में काॅर्निया खराब हो सकती है।
एसएन मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. तिरुपति नाथ ने बताया कि आंख में रंग-गुलाल जाने पर उसे रगड़े नहीं, साफ पानी से धोएं। आराम नहीं मिलने पर चिकित्सक की परामर्श से आई ड्रॉप डालें। एसएन के त्वचा रोग विभागाध्यक्ष डॉ. यतेंद्र चाहर ने बताया कि सिंथेटिक रंग से त्वचा पर चकत्ते, लाल दाने, एलर्जी की परेशानी का सबसे ज्यादा खतरा है। होली के बाद ऐसे मरीजों की संख्या दोगुने तक बढ़ जाती है।
इन बातों का रखें ख्याल
– कान के पर्दे में छेद हो या कान बहते हैं तो रुई लगाकर होली खेलें।
– गुब्बारा फेंककर न मारें, इससे बचने के लिए कानों पर हाथ रख कर चेहरा झुका लें।
– चेहरे, गर्दन और बालों में नारियल का तेल लगा लें। चश्मा और सिर पर टोपी लगा सकते हैं।
– रंग साफ करने के लिए साबुन से चेहरे को बार-बार न धोएं, मॉइश्चराइजर क्रीम लगा सकते हैं।