Taking medicines without advice during pregnancy can cause urinary diseases in the child.

प्रो. जेडी रावत।

लखनऊ। केजीएमयू के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. जेडी रावत ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान बिना डॉक्टर की सलाह के दवा खाने वाली महिलाओं के बच्चों में पेशाब से संबंधी समस्या हो सकती है। इनकी सर्जरी छह से 18 माह के बीच की जाती है। वे शुक्रवार को केजीएमयू के जनरल सर्जरी विभाग के स्थापना दिवस के तहत हुई सीएमई में बोल रहे थे।

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पीडियाट्रिक सर्जन प्रो. एसएन कुरील ने बच्चों में मलमार्ग संबंधी समस्याओं व इलाज के बारे में डॉक्टरों को बताया। डॉ. आनंद पांडेय ने बच्चों में प्रजनन अंगों की असामान्यता पर व्याख्यान दिया। यूरोलॉजी विभाग के डॉ. अपुल गोयल ने मूत्रमार्ग संबंधी विकारों व विभिन्न उपचार विकल्पों के बारे में चर्चा की। डॉ. एचएस पाहवा बताया कि प्रोस्टेट रोगों और मूत्र पथ के संक्रमण की वजह से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है।

सुंदरता नहीं समस्या समाधान के लिए करें बैरिएट्रिक सर्जरी

डॉ. अवनीश कुमार (जनरल सर्जरी विभाग, केजीएमयू) ने विभिन्न बैरिएट्रिक सर्जरी विकल्पों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा, बैरिएट्रिक सर्जरी मोटापे की जटिलताओं से बचने के लिए की जानी चाहिए, न कि कॉस्मेटिक उद्देश्यों के लिए। बैरिएट्रिक सर्जरी से वजन घटाने के साथ-साथ मधुमेह स्तर में भी सुधार होता है। केजीएमयू के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. इमरान रिजवी, प्रो. हरदीप और डॉ. सौम्या सिंह, मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर हिमांशु कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर चर्चा की।



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