अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह

Updated Wed, 04 Sep 2024 07:08 PM IST

नकली नोट छापने के खेल के भंडाफोड़ के दिन ही आईबी की टीम ने जेल भेजे जाने से पहले मौलवी तफसीरुल व जाहिर समेत चार आरोपियों से लंबी पूछताछ की थी। बुधवार दोपहर जांच को आगे बढ़ाने के क्रम में ही आईबी की टीम मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिद आजम में पहुंची। बिना मान्यता के चलाने के कारण मदरसे को सील कर दिया। के शिक्षकों और छात्रों को भी उनके घर भेज दिया गया है। 


Taught children in Madrasa RSS is the biggest terrorist organization of the country.

पीडीए ने मदरसे को किया सील। इसी में चल रही थी नकली नोट छापने की फैक्टरी।
– फोटो : अमर उजाला।

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अतरसुइया स्थित जिस मदरसे में नकली नोट छापने का भंडाफोड़ हुआ, वहां बच्चों में नफरत भी घोली जा रही थी। उनका ब्रेनवॉश किया जा रहा था। उन्हें पढ़ाया जा रहा था कि आरएसएस देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन है। यह खुलासा तब हुआ, जब मौलवी के कमरे की तलाशी के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीम को विवादास्पद किताब बरामद हुई। खास बात है कि इस किताब के लेखक महाराष्ट्र के पूर्व आईजी एमएम मुशर्रफ हैं।

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नकली नोट छापने के खेल के भंडाफोड़ के दिन ही आईबी की टीम ने जेल भेजे जाने से पहले मौलवी तफसीरुल व जाहिर समेत चार आरोपियों से लंबी पूछताछ की थी। मंगलवार दोपहर जांच को आगे बढ़ाने के क्रम में ही आईबी की टीम मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम में पहुंची। यहां मौलवी के कमरे की तलाशी ली गई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। कमरे से एक विवादास्पद किताब मिली, जिसका शीर्षक ही ‘आरएसएस देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन’ है।

किताब में भीतर मालेगांव व समझौता एक्सप्रेस जैसी कई आतंकी घटनाओं का जिक्र किया गया है। इसके साथ ही मालेगांव 2008 मामले के आरोप पत्र के कुछ अंश व उद्धरण भी बतौर अनुलग्नक समाहित किए गए हैं। किताब को कब्जे में लेने के साथ ही आईबी ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। अब इस बिंदु पर भी जांच शुरू हो गई है कि मदरसे में बच्चों को पढ़ाने की आड़ में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां तो नहीं संचालित की जा रही थीं।



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