{“_id”:”66d789d0a4ef12e4ec00e354″,”slug”:”tax-scope-increased-on-350-commercial-buildings-in-one-year-orai-news-c-224-1-ori1001-119221-2024-09-04″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Jalaun News: एक साल में 350 व्यावसायिक भवनों पर कर का दायरा बढ़ा”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}

उरई। कई वर्षों से लंबित लाइसेंस शुल्क और कर निर्धारण करने में पालिका ने तेजी दिखानी शुरू की है। इस बीच एक साल के अंदर 350 व्यावसायिक भवनों को कर के दायरे में लाया गया है। वहीं, शहर के गेस्ट हाउसों पर भी पालिका ने प्राथमिकता के साथ कार्रवाई की है।

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पिछले साल से व्यावसायिक भवनों को कर के दायरे में लाने और उन पर शुल्क बढ़ाने के लिए पालिका ने कार्रवाई शुरू की थी। जिन्हें पालिका सुविधा देती है, उनसे कर भी वसूलती है। एक साल के अंदर 350 भवनों जिनमें गेस्ट हाउस, पैथोलॉजी, रेस्टोरेंट, शराब की दुकानें, कंपनियों के हॉल पर कर निर्धारित कर दिया गया है। इसके तहत दो हजार से लेकर 60 हजार तक का कर निर्धारित हुआ है।

जिससे पालिका के राजस्व में काफी इजाफा हुआ है। पालिका के आंकड़ों के अनुसार, शहर के अंदर करीब 82 गेस्ट हाउस बने हुए हैं। जिनमें से अभी तक 60 गेस्ट हाउस पर कर निर्धारित हो गया है। 22 गेस्ट हाउसों में अभी कर निर्धारण होना बाकी हैं। जिन्हें नोटिस भेजा गया है। वहीं, करीब 200 व्यावसायिक भवन अभी कर से वंचित हैं। जो जल्द कर के दायरे में आ सकते हैं।

लाइसेंस शुल्क में भी 290 भवनों को किया गया शामिल

पिछले साल तक नगर पालिका लाइसेंस शुल्क एक हजार से कम वसूलती थी। इसके बाद पिछले साल ही बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास हुआ कि शहर में संचालित व्यावसायिक भवनों की लाइसेंस शुल्क बढ़ाई जाएगी। जिसके बाद अभी तक 290 भवनों पर शुल्क बढ़ा के निर्धारित कर दिया गया है। पालिका अधिकारी के मुताबिक, 16 मदों में अभी तक कर निर्धारित हो चुका है। जिसमें गेस्ट हाउस, पैथोलॉजी, रेस्टोरेंट, शराब की दुकान शामिल हैं। सबसे ज्यादा विदेशी शराब की दुकान पर 18 हजार लाइसेंस शुल्क वसूला जा रहा है। करीब 200 अभी व्यावसायिक भवन बाकी हैं। जिन पर लाइसेंस शुल्क निर्धारित नहीं हो पाया है। जिन पर जल्द कर निर्धारित होगा।

वर्जन-

कर निर्धारित करने में पालिका ने पिछली साल के मुताबिक इस साल अधिक वृद्धि की है। सभी टीसी को निर्देश दिए गए हैं। अपने क्षेत्र में पड़ने वाले व्यावसायिक भवनों से लाइसेंस शुल्क और पालिका से निर्धारित कर वसूला जाए ताकि नगर पालिका के राजस्व में इजाफा हो सके। -गणेश प्रसाद, कर अधीक्षक, नगर पालिका



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