भोपा में आयोजित एक शानदार समारोह में सेवानिवृत्त हुए Teachers और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भावभीनी विदाई दी गई। यह कार्यक्रम ब्लॉक संसाधन केंद्र में हुआ, जिसमें विभिन्न अधिकारियों, शिक्षकों और समाज के प्रतिष्ठित लोगों ने शिरकत की। इस आयोजन में सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के योगदान को सराहा गया और उन्हें शॉल पहनाकर व मोमेंटो भेंट कर सम्मानित किया गया। इस खास अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप कुमार और उच्च प्राथमिक एवं जूनियर शिक्षक संघ के पदाधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने सेवानिवृत्त कर्मचारियों की मेहनत और समर्पण की प्रशंसा की।
सर्वोत्तम अध्यापकों और कर्मचारियों की सराहना:
कार्यक्रम का शुभारंभ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप कुमार द्वारा माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। यह एक शैक्षिक उन्नयन गोष्ठी के रूप में आयोजित किया गया था, जिसमें शिक्षकों को उनके अथक प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रमुख सेवानिवृत्त कर्मचारियों में अरविंद कुमार शर्मा, ताहिरा बेगम, अरशद अली और कृष्णपाल का नाम शामिल था, जिनका पूरे क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान रहा।
अरविंद कुमार शर्मा, जो रहकड़ा उच्च प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक थे, उनकी कार्यक्षमता और विद्यार्थियों के प्रति उनके समर्पण को विशेष रूप से सराहा गया। उन्होंने अपने जीवनभर के कार्यकाल में न केवल शिक्षा में बल्कि समाज के विकास में भी अहम भूमिका निभाई है।
ताहिरा बेगम, जो कमपोजिट विद्यालय तेवड़ा की अध्यापिका थीं, उनकी शिक्षण पद्धति और बच्चों के साथ उनके स्नेहपूर्ण व्यवहार ने उन्हें विद्यार्थियों के दिलों में विशेष स्थान दिलाया।
अरशद अली, जो परई उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक थे, उनकी मेहनत और शिक्षण क्षेत्र में योगदान को भी याद किया गया। उनके योगदान ने शिक्षा के स्तर को ऊंचा किया और छात्रों को नए दृष्टिकोण से सोचने की प्रेरणा दी।
इसके साथ ही कृष्णपाल, जो उच्च प्राथमिक विद्यालय मलपुरा में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे, उनके कार्य के प्रति समर्पण को भी सम्मानित किया गया। वे न केवल अपने कार्य में दक्ष थे बल्कि विद्यालय में एक सकारात्मक वातावरण बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।
शिक्षकों के बारे में बीएसए की महत्वपूर्ण बातें:
बीएसए संदीप कुमार ने इस अवसर पर शिक्षकों के महत्व और उनके योगदान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षक कभी रिटायर नहीं होते। समाज उनसे हमेशा मार्गदर्शन की उम्मीद करता है। शिक्षक केवल ज्ञान देने वाला नहीं होता, वह एक प्रेरणा स्रोत भी होता है, जो छात्रों के जीवन को रोशन करता है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी शिक्षक अपनी टीम भावना के साथ बच्चों की निपुणता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए काम करें।
संदीप कुमार ने यह भी कहा कि शिक्षकों का योगदान शिक्षा के क्षेत्र में अनमोल होता है और उन्हें हर कदम पर सम्मान मिलना चाहिए। उनका काम केवल कक्षाओं तक सीमित नहीं होता, बल्कि समाज के हर वर्ग में वे अपने कार्यों से बदलाव लाने की कोशिश करते हैं।
कार्यक्रम का आयोजन और प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति:
इस आयोजन की अध्यक्षता ऋषिराज सिंह ने की और कार्यक्रम का संचालन अंजु गौड़ ने किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से कई समाजसेवी और शिक्षक उपस्थित थे, जिनमें बालेन्द्र सिंह, संजीव कुमार बालियान, शर्मिल राठी, कपिल वर्मा, प्रदीप वर्मा, अक्षय कुमार, महमूदुल हसन, राजन वशिष्ठ, रामकुमार, अजय जैन, राजीव सहरावत, राजेश राठी, अंजु, विपिन कुमार, आशु कुमार, नरेश त्यागी, संदीप राठी, भारत कुमार, अंजु चैधरी, मौ. यासीन, आजादवीर सहरावत, संदीप कुमार, बाबर खान, पियूष वर्मा, मुकेश, अमित कुमार, दीपा, प्रज्ञा शर्मा, अलका रानी, शिखा, मीनू, नीनू, शैली कंसल, रामानन्द चैहान, सावित्री देवी, मनोज कुमार जैसे अनेक सम्मानित व्यक्ति उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में उपस्थित इन प्रमुख हस्तियों ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों के कार्यों और उनके जीवन के संघर्षों को याद करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम से न केवल अध्यापकों को सम्मान मिलता है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा भी बनता है। इसके अलावा, शिक्षकों और कर्मचारियों के योगदान को देखकर यह विश्वास होता है कि शिक्षा का स्तर लगातार ऊंचा हो रहा है और इसका असर समाज के हर हिस्से में दिखेगा।
समाज और शिक्षा में बदलाव का संकेत:
यह कार्यक्रम शिक्षा के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक बन सकता है, जिसमें शिक्षकों और कर्मचारियों का योगदान समाज के विकास में और भी महत्वपूर्ण बन जाएगा। शिक्षक न केवल शिक्षा का प्रसार करते हैं बल्कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव के वाहक भी होते हैं। उनका कार्य न केवल शैक्षिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
अब यह समय है जब हमें अपने शिक्षकों और कर्मचारियों के योगदान की सराहना करनी चाहिए और उनकी मेहनत के फलस्वरूप आने वाली पीढ़ी को एक बेहतर भविष्य देने का प्रयास करना चाहिए। शिक्षा केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं होती, यह जीवन के हर पहलू को बेहतर बनाने का माध्यम है।
नए अध्याय की ओर:
अब जब इन सेवानिवृत्त अध्यापकों और कर्मचारियों को सम्मानित किया जा चुका है, तो यह जरूरी है कि शिक्षा के क्षेत्र में और भी बदलाव आएं। इस प्रकार के कार्यक्रम यह दर्शाते हैं कि शिक्षकों का सम्मान करना केवल एक कर्तव्य नहीं, बल्कि यह समाज की जिम्मेदारी है। शिक्षक हमेशा हमारे जीवन में मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं और उनकी मेहनत कभी समाप्त नहीं होती।
इस समारोह के जरिए न केवल शिक्षकों को सम्मान मिला, बल्कि यह भी दर्शाया गया कि हम सभी को अपने शिक्षकों और कर्मचारियों का सम्मान करना चाहिए और उनके योगदान को कभी न भूलना चाहिए।