
शिक्षक इस मुद्दे को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं।
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बेसिक विद्यालय के हजारों शिक्षकों के सामने अब अजीब स्थिति पैदा हो गई है। अगर वह पदोन्नति चुनते हैं तो उन्हें अपने जिले के पास आने को नहीं मिलेगा और अगर वह अपने जिले के पास आने का विकल्प चुनते हैं तो उनको पदोन्नति व इसके लाभ नहीं मिलेंगे। यही वजह है कि सोमवार को साल के पहले दिन ही काफी शिक्षक महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से मिलने पहुंचे।
निदेशालय पहुंचे शिक्षकों ने कहा कि पूर्व में भी वह महानिदेशक समेत सभी आला अधिकारियों से मिलकर यह मांग कर चुके हैं कि पहले परस्पर तबादले कर दिए जाएं। उसके बाद पदोन्नति की जाए, किंतु विभाग की ओर से इसके विपरीत ही आदेश जारी कर दिया गया है। महानिदेशक से शिक्षकों ने कहा कि अगर पदोन्नति पहले होती है तो परस्पर तबादले के लिए बनाए गए उनका जोड़ा टूट जाएगा। इसके बाद शिक्षक बेसिक शिक्षा परिषद सचिव से मिलने पहुंचे, हालांकि वह मौजूद नहीं थे।
शिक्षकों का नेतृत्व कर रहे उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के निर्भय सिंह ने कहा कि पदोन्नति वाले शिक्षकों का विद्यालय आवंटन छह जनवरी और परस्पर तबादले में शिक्षक कार्यमुक्त व कार्यभार ग्रहण कार्य 11 से 13 जनवरी के बीच होंगे। महानिदेशक ने उन्हें इस मामले में सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। महानिदेशक से मुलाकात करने वालों में शुभम शुक्ला, प्रमोद पांडेय, शेखर वर्मा, गणेश दीक्षित, अमित, नीतू सिंह, गरिमा पांडेय, राज वर्मा आदि शामिल थे।
12,460 शिक्षक भर्ती में हो दूसरे चरण की काउंसिलिंग
प्रदेश में बेसिक विद्यालयों में हाईकोर्ट के आदेश से 12,460 शिक्षक भर्ती के खाली पदों पर पहले चरण की काउंसिलिंग पूरी हो गई है। सोमवार को बेसिक शिक्षा निदेशालय पहुंचे अभ्यर्थियों ने कहा कि इसमें काफी कम अभ्यर्थी पहुंचे हैं और सीटें अभी खाली हैं। ऐसे में पदों को भरने के लिए दूसरे चरण की काउंसिलिंग भी कराई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि शासन ने निर्देश दिया है कि 2017 में काउंसिलिंग कराने वालों को ही मौका मिलेगा, जबकि काउंसिलिंग छोड़ने वाले भी अब अपना दावा प्रस्तुत कर रहे हैं। ऐसे लोगों को काउंसिलिंग में शामिल न कराया जाए।