tehsil administration destroyed crops of farmers blame fell on accountant

मौके पर पहुंची पुलिस
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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आगरा की किरावली तहसील के गांव सींगना और जुगसेना के किसानों ने यमुना के डूब क्षेत्र में 107 हेक्टेयर सरकारी जमीन पर फसलों को उजाड़ने के मामले में सियायत गरमा गई है। विधायक चौधरी बाबूलाल ने फर्जी पट्टे करने का मामला उठाया तो किसान मोर्चा ने कलेक्ट्रेट में ज्ञापन दिया। वहीं सांसद ने भी डीएम से वार्ता की। अब तहसील प्रशासन की गाज इलाके के लेखपाल वीरपाल पर गिरी है। उसे निलंबित किया गया है। 90 किसानों को नोटिस भेजे गए हैं।

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तहसील किरावली प्रशासन ने चार दिन पहले जुगसेना व सींगना में खड़ी गेहूं, सरसों की फसलों पर ट्रैक्टर चलवाया था। दो दिन बाद किसानों के भारी विरोध के कारण कार्रवाई रोकनी पड़ी। किसानों ने नेताओं के पास दौड़ लगाई थी मगर उन्होंने रुचि नहीं दिखाई। विधायक चौधरी बाबूलाल ने इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि जब किसानों की खड़ी फसलों को उजाड़ने का कोई अधिकार नहीं है। वह सदन में मामला उठाएंगे।

इसके बाद भाजपा किसान मोर्चा के प्रशांत पौनिया ने कलेक्ट्रेट में ज्ञापन देकर सींगना और जुगसेना के किसानों पर कार्रवाई रोकने, पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग की। इसके बाद सांसद राजकुमार चाहर ने भी जिलाधिकारी से वार्ता करके इस संबंध में तहसील के कर्मियों की भूमिका की जांच करने और किसानों को मोहलत देने की बात कही। इसके बाद डीएम ने लापरवाही बरतने पर लेखपाल को निलंबित कर दिया।

दूसरी ओर, तहसील किरावली प्रशासन ने सरकारी भूमि में फसल उपजाने वाले 90 किसानों को सरकारी खजाने में धनराशि जमा कराने के लिए नोटिस भेजे हैं। तहसीलदार देवेंद्र सिंह ने बताया कि किसानों को एक पखवाड़े का समय दिया गया है। दूसरी ओर, किसान नेता दिलीप चाहर ने कहा है कि किसान इस जमीन पर सालों से खेती करते आ रहे हैं। अचानक इस प्रकार की कार्रवाई से किसान बर्बाद हो जाएंगे। साथ ही इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

 



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