मेरठ-बागपत नेशनल हाईवे पर सर्वहितकारी इंटर कॉलेज मीतली के पास शुक्रवार को हुए हादसे में धमाके की आवाज आई और पिकअप पलटते ही तीन किसानों जान मोहम्मद (65), अशफाक (45) और रज्जू (55) की जिंदगी खत्म हो गई। घटना के बाद डौला गांव में शोक छा गया और काफी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर भी पहुंचे।

 




Terrible accident in Baghpat: There was a sound of explosion and three lives were lost, there was screams

अशफाक के गमजदा परिजन।
– फोटो : अमर उजाला


डौला गांव से पिकअप में लादकर सब्जी बेचने दिल्ली की आजादपुर मंडी जा रहे किसान शुक्रवार को पहली बार नहीं जा रहे थे। वे रोजाना मंडी में जाते थे। जान मोहम्मद, अशफाक और रज्जू शुक्रवार को अन्य किसानों के साथ मंडी जा रहे थे। मगर इनको अहसास नहीं था कि यह उनका आखिरी दिन है। 

 


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राहगीरों ने की घायलों की मदद।
– फोटो : अमर उजाला


उनके साथ जाने वाले महताब, लियाकत आदि ने बताया कि पिकअप में सब्जी लदी होने के कारण आठ-नौ किसान पीछे की तरफ बैठे हुए थे। उन्होंने बताया कि अचानक पिकअप का टायर फटने से ऐसी आवाज आई जैसे बम फटा हो और फिर एक्सल टूट गया। इससे अनियंत्रित हुई पिकअप पलभर में पलट गई। पिकअप में लदी सब्जी हाईवे और किनारे पर खाई में फैल गई। उसमें बैठे किसान भी इधर, उधर पड़े हुए मिले। हबीब का पैर कट गया। हसन, शराफत, जाकिर, मुस्तकीम, हाकिम, अनस, दीन मोहम्मद, पिकअप चालक महताब, साजिद और तैय्यब घायल हो गए।

 


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राहगीरों ने की मदद।
– फोटो : अमर उजाला


अशफाक के परिवार में कमाने वाला नहीं बचा

सड़क हादसे में जान गंवाने वाले डौला गांव निवासी किसान अशफाक, रज्जू और जान मोहम्मद के परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। ये लोग ठेके पर जमीन लेकर सब्जी उगाकर मंडी में बेचकर अपने परिवारों का पालन पोषण कर रहे थे। 

ग्रामीण शहजाद ने बताया कि अशफाक के परिवार में छह बेटियां और सबसे छोटा एक बेटा है। अशफाक की मौत होने से उसके परिवार में कमाने वाला भी नहीं बचा। इनके अलावा जान मोहम्मद के परिवार में दो बेटे और दो बेटी हैं। किसान रज्जू के परिवार में तीन बेटियां और तीन बेटे हैं।

 


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हादसे के बद बिखरी पड़ी सब्जी और मौजूद पुलिस व ग्रामीण।
– फोटो : अमर उजाला


तीन साल पहले डौला के एक परिवार के पांच लोगों की हुई थी मौत

मेरठ-बागपत नेशनल हाईवे पर हादसे में तीन किसानों की मौत होने से ग्रामीणों को तीन साल पहले हुई घटना भी याद आ गई। तीन साल पहले बालैनी के समीप कैंटर की टक्कर लगने से ससुराल से लौट रहे किसान फतेह मोहम्मद, उसकी गर्भवती पत्नी तबस्सुम, बेटी इलमा, इकरा, मायरा की मौके पर ही मौत हो गई थी।

 




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