
बांकेबिहारी मंदिर में सजाया गया भव्य फूल-बंगला
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वृंदावन में अक्षय तृतीया पर्व पर शुक्रवार को ठाकुर बांकेबिहारी भक्तों को चरण दर्शन देंगे। मंदिर के सेवायत गोस्वामी उन्हें शीतलता प्रदान करने के लिए उनके चरणों में सृष्टि के प्रतीक स्वरूप में चंदन के गोले सेवित करेंगे। जबकि शाम के समय आराध्य के सर्वांग दर्शन पाकर भक्तजन अपने को कृतार्थ करेंगे। यह दर्शन वर्ष में एक बार होते हैं।
बांकेबिहारी मंदिर में सेवायत गोस्वामी परिवार पिछले एक माह से मंदिर और घरों में ठाकुरजी के लिए गुलाबजल, केसर के साथ मलयागिरि चंदन घिसकर तैयार कर रहे हैं। करीब सौ किलो से अधिक चंदन ठा. बांकेबिहारी बिहारी को सेवित किया जाएगा। बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत आचार्य प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी ने बताया कि अक्षय तीज पर बांकेबिहारी महाराज के चरण व सर्वांग दर्शन का विशेष महत्व है। माना जाता है कि सृष्टि का आरंभ और अंत प्रभु चरणों से ही होता है। इसीलिए सृष्टि के प्रथम दिवस के रूप में मान्यता प्राप्त अक्षय तीज के दिन ही साल में सिर्फ एक बार ठाकुरजी के चरणों में सृष्टि के प्रतीक रूप में चंदन के गोले के दर्शन कराए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि इस विशेष तिथि पर आराध्य के संपूर्ण श्रीअंग पर सनील के कपड़े से मलयागिरि चंदन का लेपन किया जाएगा। ठाकुरजी को चंदनी रंग की रेशमी धोती तथा बहुमूल्य आभूषण, चरणों में स्वर्ण-रजत पायल और चरण चौकी धारण कराई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि अक्षय तीज पर पायल अर्पण करने से अविवाहित कन्याओं को अति शीघ्र ही मनोकूल जीवन साथी की प्राप्ति हो जाती है।