
सोरोंजी से गंगाजल लेकर जाते कांवड़िये।
सोरोंजी। फाल्गुन मास के कांवड़ मेले के दौरान तीर्थनगरी में बम-बम भोले के जयकारे गूंज रहे हैं। तड़के से कांवड़ियों के आगमन का सिलसिला शुरू जाता है। प्रशासनिक अमला मेले की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में जुट गया है। शुक्रवार को एसडीएम संजीव कुमार व ईओ मुकेश कुमार लहरा घाट का निरीक्षण करने पहुंचे। घाट पर कांवड़ की दुकानें लगाने के लिए स्थान चिह्नित किया। वहीं एसडीएम ने घाट पर गहरे पानी में संकेतक लगाने, गोताखोर तैनात करने, खोया पाया शिविर लगाने, घाट पर व कांवड़ यात्रा मार्ग पर रात्रि में प्रकाश व्यवस्था करने के निर्देश दिए। वहीं सफाई व्यवस्था नियमित कराए जाने, मार्ग में पेयजल के टैंक रखवाने व मोबाइल टॉयलेट रखने के निर्देश दिए गए। शुक्रवार को धौलपुर, मुरैना, शिवपुरी, ग्वालियर, भरतपुर आदि दूरस्थ जनपदों से कांवड़िये बड़ी संख्या में तीर्थनगरी पहुंचे। गंगा स्नान व तीर्थ-पुरोहितों को दान-दक्षिणा देने के बाद कांवड़ियों ने कांवड़ मेला बाजार से खरीददारी की। और लहरा घाट पर पहुंचकर अपनी कांवड़ सजाई। गंगा घाट पर स्नान कर गंगाजल से भरे पात्र कांवड़ में रखे। लहरेश्वर, सोमेश्वर, वराह मंदिर में मत्था टेककर रात्रि में अपनी यात्रा शुरू की। कांवड़ियों की टोलियां भोला तेरी बम के जयकारे लगाते हुए बाजार से अपने गंतव्य की ओर जा रहीं थीं। नाहरई, शिवपुरी मध्य प्रदेश के शेर सिंह कहते हैं कि हर वर्ष गंगा जल लेने तीर्थनगरी आते है, यहां आकर कांवड़ सजाते हैं। प्राचीन पौराणिक मंदिरों के दर्शन करते हैं। अपने यहां स्थित सिद्ध मंदिर में गंगा जल चढ़ाते हैं।कंचनपुर, शिवपुरी के लक्ष्मण सिंह का कहना है कि तीर्थनगरी से कई पीढिय़ों का जुड़ाव है, दादा परदादा तीर्थनगरी गंगा स्नान के लिए आते थे। उसी परंपरा का निर्वाह कर रहा हूं, यहां गंगा स्नान करके भोले का अभिषेक करने के लिए गंगाजल ले जाता हूं।?