संवाद न्यूज एजेंसी

झांसी। बिजली के तार टूटकर गिरने से एक दुकानदार की मौत हो गई थी। इसका जिम्मेदार बिजली विभाग था, क्योंकि जर्जर तारों को हटाने की ग्रामीणों ने शिकायत की थी। कोई सुधार न करने के कारण हादसा हुआ और इसे बिजली विभाग मानने को तैयार नहीं था और न कोई मुआवजा दिया था। न्यायालय में वाद की सुनवाई पर स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष विशेष शर्मा ने बिजली विभाग के अधिकारियों को परिवार को अलग-अलग मद में 12.79 लाख का हर्जाना मय ब्याज के देने का आदेश सुनाया।

मऊरानीपुर के बामोरी निवासी बेबी ने स्थायी लोक अदालत में वाद दायर कर बताया कि 7 जून 2018 को घर के सामने से निकले एलटी लाइन टूटकर पति पुष्पेंद्र कुमार अहिरवार के ऊपर गिर गई थी। इससे पुष्पेंद्र की जान चली गई थी। लाइन को शिफ्ट करने व तारों को बदलने के लिए लोग कई बार शिकायत कर चुके थे।यही कारण रहा कि हादसा हुआ। पुष्पेंद्र एक दुकान चलाता था। उससे होने वाली आय से अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करता था। उसकी मौत के बाद से परिवार पर संकट मंडराने लगा। विभाग ने मुआवजा देने से भी इन्कार कर दिया था। वाद की सुनवाई करने के बाद न्यायालय ने वादिया बेबी को 12.79 लाख रुपये में से 50 प्रतिशत यानी 6.39 लाख मय ब्याज के, अव्यस्क पुत्री के नाम बाकी 6.39 लाख में से 2.13 लाख उसके व्यस्क न हो जाने तक सर्वाधिक ब्याज देने वाली राष्ट्रीयकृत बैंक में फिक्स डिपोजिट करने, तथा माता और पिता को 2.13 लाख प्रत्येक को देने का आदेश दक्षिणांचल विद्युत निगम के अधिकारियों को दिया।



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