संवाद न्यूज एजेंसी

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झांसी। सीएमएलआर (कोच मिड लाइफ रिहैबिलिटेशन) वर्कशॉप से महत्वपूर्ण काॅइल चोरी कर ले जा रहे तकनीशियन को आरपीएफ द्वारा पकड़ने के बाद आरोपी कर्मी की मुश्किल और बढ़ गई है। विभाग द्वारा चोरी की पुष्टि होने के बाद अब तकनीशियन की नौकरी पर तलवार लटक गई है। वहीं, वर्कशॉप के अन्य कर्मियों की मानें तो उक्त कर्मी लंबे समय से कीमती सामान चोरी कर रहा था।

शनिवार को सीएमएलआर वर्कशॉप से काॅइल चोरी कर ले जा रहे तकनीशियन को आरपीएफ ने मुख्य द्वार पर कॉइल समेत पकड़ा था। इसके बाद उसे थाने लाकर पूछताछ की गई, लेकिन वह यह मानने को तैयार नहीं था कि वह कॉइल चोरी कर लाया है। इसके बाद आरपीएफ ने वर्कशॉप के स्टोर इंचार्ज को बुलाकर कॉइल का मिलान रेलवे के दस्तावेज से कराया। इससे यह पुष्टि हो गई कि तकनीशियन के पास मिली कॉइल रेलवे की ही है। इसके बाद आरपीएफ स्टोर पोस्ट ने आरोपी तकनीशियन के विरुद्ध वर्कशॉप स्टोर इंचार्ज के आरोप पत्र के आधार पर मामला दर्ज कर लिया। इस मामले में विभागीय जांच भी अब स्पष्ट हो गई है। कॉइल पर लिखे नंबर से भी यह स्पष्ट हो रहा है कि तकनीशियन के पास मिली कॉइल रेलवे की ही है।

इस मामले में अब नया खुलासा आरोपी के साथ नौकरी करने वाले अन्य कर्मियों ने किया है। उन्होंने बताया कि उक्त तकनीशियन लंबे समय से रेलवे का सामान चोरी कर रहा था। आमतौर पर ऐसी जांच भी नहीं होती, लेकिन शनिवार को आरपीएफ ने तकनीशियन को रंगे हाथ पकड़ लिया। बताया जा रहा है कि जांच में भी तकनीशियन को दोषी माना गया है। ऐसे में उसकी नौकरी अब अधर में आ गई है।

वर्जन

तकनीशियन को आरपीएफ द्वारा पकड़े जाने के बाद उसके पास से मिली कॉइल का मिलान स्टोर के प्रपत्रों से किया गया है। इसमें यह स्पष्ट हुआ कि कॉइल रेलवे की संपत्ति है। मामले में विभागीय जांच की रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। – बृजेश कुमार पांडेय, मुख्य कारखाना प्रबंधक, सीएमएलआर।



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