The device will tell the moisture of the field, tubewell can be run from home


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झांसी। भीषण गर्मी में किसानों को नमी बरकरार रखने के लिए बार-बार खेत जाकर ट्यूबवेल चलाना पड़ता है। समय रहते इसे बंद भी करना होता है ताकि पानी बर्बाद न हो। बीयू के छात्रों के बनाए उपकरण की मदद से खेत पर नमी का मोबाइल से पता चल सकेगा।

घर बैठे ही फोन से ट्यूबवेल भी चल जाएगा। इतना ही नहीं, खेत में अन्ना जानवर घुसने पर तुरंत सायरन भी बजेगा। बीयू के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इंस्ट्रुमेंट (यंत्रशास्त्र) इंजीनियरिंग विभाग के कॉर्डिनेटर डॉ. लवकुश द्विवेदी ने बताया कि यह उपकरण छात्र ललित सेन व शिवांशु जोशी ने मिलकर बनाया है। यह स्मार्ट सिंचाई और लेजर सुरक्षा प्रणाली से लैस है। यह उपकरण डीएसटी-टीईसी परियोजना के तहत टेक्नोलॉजी हैकाथॉन ड्राइव के तहत विकसित किया गया है। इसका प्रोटोटाइप विकसित किया जा चुका है। उन्होंने बताया उपकरण इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीक के आधार पर मिट्टी की नमी के बारे में किसान के मोबाइल पर संदेश देगा। यदि फसल के अनुसार मिट्टी में नमी की जरूरत होगी तो किसान घर बैठे ही मोबाइल फोन से ट्यूबवेल चालू कर देगा। मिट्टी की नमी मानक के अनुसार हो जाने पर ट्यूबवेल बंद भी कर देगा। इससे न सिर्फ पानी की बर्बादी रुकेगी बल्कि सिंचाई भी बेहतर हो सकेगी। जैसे ही अन्ना पशु आदि खेत में प्रवेश करेगा तो उपकरण में लगी लेजर किरणाें का क्रम बिगड़ने से अचानक सायरन बजेगा। इससे अन्ना पशु भाग जाएगा। डॉ. लवकुश द्विवेदी ने बताया कि यह उपकरण पानी की बर्बादी रोककर जल संसाधनों के संरक्षण में योगदान देगा। इस तकनीक के व्यावसायिक उत्पादन से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए और बेहतर अवसर पैदा होंगे। ब्यूरो



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