The evidence coming out of Govardhan's womb is giving testimony of the Mahabharata period

मथुरा। खुदाई में मिली विलुप्त हुई नदी का प्रमाण जुटाते पुरातत्वविद
– फोटो : mathura

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मथुरा के बहज गांव में एएसआई ने गोवर्धन पर्वत की खुदाई कर महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। दरअसल इस पर्वत को कृष्णकालीन यानी महाभारत के समय का बताया जाता है। पौराणिक कथाओं की मानें तो भगवान श्रीकृष्ण इसी पर्वत पर अपनी गायों को चराया करते थे। यहां उन्होंने कई लीलाएं रचीं जिनमें देवताओं के राज इंद्र का घमंड चूर करने की लीला सबसे प्रमुख कही जाती है। इंद्र का दर्प चूर करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने इसे अंगुली पर उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी। इसी काल के साक्ष्यों को जुटाने की एएसआई कवायद कर रहा है। यहां खुदाई में 4800 साल पुरानी गणेश्वर सभ्यता के बर्तनों का मिलना हो या फिर तीन हजार साल पुरानी शिव पार्वती की प्रतिमा, सभी इस काल को प्रमाणित करने की तरफ इशारा कर रही हैं।

 



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