गौरी त्रिवेदी

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लखनऊ।

लखनऊ है तो महज गुंबद ओ मीनार नहीं,

सिर्फ एक शहर नहीं कूच ओ बाजार नहीं।

इसके आंचल में मुहब्बत के फूल खिलते हैं,

इसकी गलियों में फरिश्तों के पते मिलते हैं।

राजधानी के प्रख्यात इतिहासकार योगेश प्रवीण की ये पंक्तियां लखनऊ की अहमियत को खुद-ब-खुद बयां करती हैं। शाम-ए-अवध की बात ही निराली है। यहां की गलियों में गंगा जमुनी तहजीब तो घुली ही है, साथ में नए दौर के साथ यहां की खूबसूरती भी बढ़ी है। इसी के साथ यहां पर पर्यटन ने भी उड़ान भरी है।

आइए आपको लखनऊ की 10 साल में बदली तस्वीर और यहां के प्रमुख पर्यटक स्थलों के बारे में बताएं कि कब, कहां और कितने रुपयों में आप लखनऊ को घूम सकते हैं। इसके साथ ही एक नजर यहां के टूरिज्म को बढ़ावा देने के अहम पहलुओं पर भी डालते हैं। लखनऊ की खासियत पर बहुत पहले वाजिद अली शाह अख्तर ने कहा था- अल्लाह ऐ बुतो हमें दिखलाए लखनऊ, सोते में भी ये कहते हैं हम हाए लखनऊ…। अब नए लखनऊ पर भी ये पंक्तियां बिल्कुल सटीक बैठती हैं।

विश्व पर्यटन को बढ़ावा देने के हुए कारगर प्रयास : रवि भट्ट

इतिहास विशेषज्ञ रवि भट्ट के मुताबिक लखनऊ में 10 साल में विश्व पर्यटन के तहत पर्यटकों को आकर्षित करने के काफी कारगर प्रयास किए गए। हजरतगंज में सुंदरीकरण किया गया। लालबाग की शर्मा चाय के पास सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक दुकानें हुआ करती थीं लेकिन आज वहां बैठने के लिए सुंदर पार्क की व्यवस्था है। बड़ा इमामबाड़ा से लेकर छोटा इमामबाड़ा तक आकर्षक सड़कें बनाई गईं। लोहिया व जनेश्वर पार्क और रिवर फ्रंट जैसे सुंदर पार्क व खुली जगहें मिलीं। चौराहों को बड़ा किया गया। यूपी दर्शन पार्क, जुरासिक पार्क और हैप्पी पार्क मिले। स्ट्रीट फूड, ऐतिहासिक इमारतों और साप्ताहिक बाजारों की ओर पर्यटकों का खासा रुझान बढ़ा है।

अयोध्या में राममंदिर के निर्माण से लखनऊ में और बढ़ा टूरिज्म का दायरा

हम पर्यटकों को लुभाने में कितना कामयाब हैं इसके जवाब में रवि भट्ट बताते हैं कि सुविधाओं को देने की बात में ज्यादा अंदर जाएंगे तो कुछ खास नहीं किया गया लेकिन आमजन जो सिर्फ बाहरी चीजों को देखते हैं, उसके एवज में जरूर किया गया है। कहा कि अयोध्या में राममंदिर बनने से पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है। पर्यटकों को हम तभी आकर्षित कर पाएंगे जब पर्यटन विभाग की ओर से बजट होटल बनाए जाएंगे। साथ ही आगे देश की पहली नाइट सफारी भी पर्यटकों को आकर्षित करेगी। उससे हमें काफी उम्मीदें हैं।

इन पर्यटन स्थलों पर टिकट लेकर घूम सकते हैं आप

बड़ा इमामबाडा़, छोटा इमामबाड़ा, मूल्य 25 रुपये, विदेशियों के लिए 500 रुपये।

ब्रिटिश रेजीडेंसी – 25 रुपये

आम्रपाली वॉटर पार्क, – वयस्कों के लिए 800 व बच्चों के लिए 600 रुपये।

इंदिरागांधी तारा मंडल – टिकट 25 रुपये। दिव्यांगों के लिए एंट्री फ्री। तीस से अधिक ग्रुप के लिए प्रति व्यक्ति 10 रुपये टिकट।

अंबेडकर पार्क – टिकट 15 रुपये

चिड़ियाघर- वयस्कों के लिए 60 व बच्चों के लिए 30 रुपये टिकट।

राज्य संग्रहालय – भारतीयों के लिए 5 रुपये व बच्चों के लिए 2 रुपये, विदेशियों के लिए 50 रुपये का टिकट।

राम मनोहर लोहिया पार्क, शुल्क 10 रुपये

गोमती रिवर फ्रंट, 10 रुपये

जनेश्वर मिश्र पार्क – टिकट 15 रुपये

यूपी दर्शन पार्क, 100 रुपये

जुरासिक पार्क, तीन वर्ष तक के बच्चों का टिकट माफ, 12 साल तक के बच्चों का टिकट हाफ, इससे ऊपर वालों का टिकट 120 रुपये

यहां करिए निशुल्क सैर

जामा मस्जिद, कान्स्टेंटिया हाउस, सतखंडा, रुमी दरवाजा, छतर मंजिल, दिलकुशा कोठी, हुसैनाबाद क्लॉक टाॅवर, प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय, कुकरैल पिकनिक स्पाॅट, हैप्पी पार्क, चंद्रिका देवी मंदिर।



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