{“_id”:”66ef2fa40c0a2e18b505f5b4″,”slug”:”the-flood-water-receded-by-half-a-foot-but-the-situation-remains-the-same-orai-news-c-224-1-ka11004-119997-2024-09-22″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Jalaun News: बाढ़ का पानी आधा फुट घटा, लेकिन हालात जस के तस”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}

कोंच। मलंगा नाले में आई बाढ़ को चौथा दिन है। शनिवार को लगभग आधा फुट पानी कम हुआ है, लेकिन बाढ़ प्रभावित मोहल्लों गोखलेनगर, गांधी नगर मालवीय नगर व आराजी लेन के इलाकों में हालात अभी भी जस के तस दिखाई दे रहे हैं। इन मोहल्लों के रास्तों से लेकर घरों की दहलीज तक सिर्फ पानी नजर आ रहा है, जिससे अभी भी आवागमन पूरी तरह से ठप है।

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कोंच के तीन मोहल्लों में मलंगा नाले में अचानक पानी बढ़ने से आई बाढ़ के बाद घरों में कैद लोगों के लिए नगर पालिका और स्थानीय प्रशासन नाव, ट्रैक्टर आदि वाहनों से लंच पैकेट बंटवाने में लगे हैं। शनिवार को एसडीएम ज्योति सिंह और नगर पालिका ईओ पवन किशोर मौर्य ने ईदगाह और आजाद गार्डन के समीप रह रहे लोगों के बीच पहुंचकर उन्हें भोजन के पैकेट वितरित किए और उनकी परेशानियों को सुना।

उधर, लगातार चौथे दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर घुटनों तक पानी से लबालब है, जिससे रोगियों और उनके तीमारदारों को आने-जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को अपने रोगियों को पीठ पर लादकर सीएचसी पहुंचे जमुनादास व रज्जन कहते हैं कि भरे हुए पानी को जल्द निकालने का प्रयास किया जाना चाहिए।

इसके अलावा कोंच-पिंडारी रोड पर चार दिन बीत जाने के बाद भी घुटनों तक पानी भरा हुआ है। जिससे सबसे महत्वपूर्ण मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से ठप पड़ा है। इस मार्ग पर बसे गांव महंतनगर, घुसिया, चंदुर्रा, चांदनी, बसोब और पिंडारी के हजारों ग्रामीण इस रास्ते से बाजार करने कोंच नहीं आ पा रहे हैं। मजबूरन उन्हें लंबी दूरी के अन्य रास्तों से आना जाना पड़ रहा है। कोंच के नागरिकों को भी मंडल मुख्यालय झांसी जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है।

बाढ़ से धार्मिक स्थलों के रास्ते भी बंद

कोंच। बाढ़ से हालात इस कदर बिगड़े हुए हैं कि धार्मिक स्थलों के दरवाजे भी पानी ने बंद कर दिए हैं। मलंगा नाले के किनारे गांधीनगर स्थित प्रसिद्ध काली माता मंदिर, शनिदेव मंदिर, लंका विजय हनुमान मंदिर, रामलला मंदिर, शम्भू साहब मंदिर सहित अन्य मंदिरों के चारों ओर पानी ही पानी भरा हुआ है। चार दिन से श्रद्धालु इन मंदिरों में नहीं पहुंच पा रहे है। उधर महेशपुरा रोड स्थित ईदगाह मैदान के चारों ओर अभी भी पानी भरे होने से मस्जिद में इबादत करने मुस्लिम लोग नहीं पहुंच पा रहे हैं। (संवाद)

पांच दिन से काशीराम कॉलोनी में अंधेरा, जनता परेशान

कोंच। मलंगा नाले में आई बाढ़ ने कांशीराम कॉलोनी को घेर रखा है। सबसे ज्यादा परिवार इसी इलाके की बाढ़ में फंसे हैं। कॉलोनी के चारों ओर लगभग दो से तीन फीट पानी भरा होने से लोगों का निकलना मुश्किल हो रहा है। कॉलोनी के बाशिंदे विजय तिवारी, कुंती, रामशंकर, वासू, कल्लू, अली, अख्तर, मोहनलाल, पप्पू हुसैन, शकील आदि का कहना है कि पिछले पांच दिन से बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं और अब तक किसी जिम्मेदार ने उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया है। वहीं, कॉलोनी में स्थित पुलिस चौकी में बिजली आने से बल्व जल रहे हैं, लेकिन चंद कदम की दूरी पर कॉलोनी में फंसे सैकड़ों परिवारों को विद्युत सप्लाई नहीं मिल पा रही है। इस संबंध में एसडीओ विद्युत अनुरुद्ध कुमार मौर्य का कहना है कि पानी में बिजली के खंभे और तमाम अन्य उपकरण डूबे हुए हैं, कई जगह लाइन फॉल्ट है। लाइन ठीक कराने के लिए जेसीबी भेजी गई थी पर पानी के कारण पहुंच नहीं सकी। (संवाद)

एसडीएम बोले, नुकसान का सर्वे कर रहे हैं लेखपाल

जालौन। एसडीएम विनय मौर्य ने कार्यालय में जानकारी दी कि पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि व बाढ़ के चलते तहसील क्षेत्र में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए लेखपालों को निर्देशित किया गया है। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पशु और घरों में जो हानि हुई है सूचना मिलने पर उन्हें मदद दिलाई जा रही है। उनका प्रयास रहेगा कि पीड़ित को समय से न्याय मिल सके और शिकायतों का गुणवत्तापूर्वक निस्तारण हो सके। चकरोड के विवाद और राजस्व संबंधी विवाद भी प्राथमिकता के आधार पर निपटाए जाएंगे। (संवाद)

तहसील क्षेत्र में 120 घर गिरने की प्रशासन को मिली जानकारी

जालौन। तहसीलदार एसके मिश्रा ने जानकारी देकर बताया कि बाढ़, अतिवृष्टि आदि से तहसील क्षेत्र में हुई फसलों की हानि का सर्वे कराया जा रहा है। इसके लिए लेखपालों की टीम को लगाया गया है। बताया कि ग्राम मड़ोरा व सलाबाद में एक-एक गाय व लहर कनार में एक भैंस की मृत्यु की सूचना बिजली गिरने व दीवार के गिरने पर मलबे में दबने से प्राप्त हुई थी। प्रत्येक पशुपालक को 37500 रुपये की दर से मुआवजे की धनराशि दी जा चुकी है। तहसील क्षेत्र के 186 गांवों में 120 कच्चे घरों के गिरने की सूचना प्राप्त हुई है। जिनमें कुछ घरों में आंशिक नुकसान तो कुछ गिर गए है। आंशिक क्षति वाले परिवारों को चार हजार रुपये की दर से और पूर्ण नुकसान वाले परिवारों को एक लाख 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता की धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक 95 घरों के नुकसान का सर्वे होकर स्वीकृति हो चुकी है। जिनमें 75 परिवारों को आर्थिक सहायता की धनराशि उनके खातों में पहुंचाई जा चुकी है। शेष लाभार्थियों के खातों में भी धनराशि पहुंचाए जाने की प्रक्रिया चल रही है।(संवाद)

वाल्मीकि बस्ती में भरा पानी, छत पर बना रहे खाना

सरावन। बारिश के बाद गोहनी नाला में बाढ़ आ जाने से माधौगढ़ रोड़, भूरेशवर मंदिर रोड व वाल्मीकि बस्ती में पानी भर जाने से आवागमन बंद है। जिससे करीब दस घर पानी में डूबे हैं, हालत यह है कि लोग घरों में कैद हैं। गांव निवासी नथू, गनेश वाल्मीकि, चिरौंजी, संतराम आदि का कहना है कि कई दिनों से नाले का पानी उनकी बस्ती में भरा हुआ है। जिससे वह खाना बनाने तक को परेशान हैं। हालत यह है कि छत पर खाना बनाकर खा रहे हैं, बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। लेकिन जानकारी के बाद भी कोई उनकी मदद के लिए नहीं आया है। (संवाद)

नाले में गिरा युवक,मोहल्ले के लोगों ने बचाया

कोंच। कोतवाली क्षेत्र के गांधी नगर निवासी राकेश अहिरवार (40) मजदूरी करता है। शनिवार को वह घर से बाहर पानी से होकर जा रहा था, पानी के बहाव के कारण उसके पैर लड़खड़ा गए और वह सीधा मलंगा नाले में जा गिरा। पानी में बहता और डूबता देख उसे मोहल्ले के ही कई तैराक उसे बचाने के लिए पानी में कूद गए और उसे पानी में डूबने से बचा लिया। इसके बाद उसे सीएचसी पहुंचाया। जहां गंभीर हालत होने पर उसे मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। (संवाद)



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