
विदाई के समय उपहार में मिले पौधे लिए वर वधू व बाराती
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फतेहपुर जिल में अमौली कस्बे के ज्वैलर्स व्यवसायी ज्ञानेंद्र प्रकाश का बिना दहेज के विवाह करने का फैसला नवयुवकों के लिए प्रेरणादायक है। बरात मंगलवार को दोपहर लौटी तो समाज में चर्चा का विषय बनी रही। 11 मार्च को फतेहपुर के तांबेश्वर नगर के एक गेस्ट हाउस में उन्होंने वीरेंद्र साहू की पुत्री आरती साहू के साथ वैदिक रीति रिवाज से विवाह किया।
सुबह विदाई के समय दहेज के नाम पर उपहार में केवल पौधे स्वीकार किया। विवाह में शामिल सभी बारातियों को एक-एक पौधे उपहार स्वरूप मिले। इसी तरह तिलक के कार्यक्रम में नकद धनराशि में मात्र 11 रुपये और पांच पौधे लिए थे। ज्ञानेंद्र प्रकाश ज्वैलर्स व्यवसाय के साथ-साथ मंचों में कविताएं पढ़ते हैं।