संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा

Updated Tue, 12 Nov 2024 11:25 PM IST

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The heart burst, the screams kept echoing, the tears did not stop.



कासगंज। ढाय धंसकने के हादसे में मृतकों व घायलों के परिवारों में कोहराम मचा हुआ था। मृतकों के परिवार के लोगों के कलेजे फट गए। उनकी आंखों के आंसू नहीं थम पा रहे थे और लगातार चीत्कार मचती रही। चीत्कार का यह आलम हर किसी को द्रवित कर रहा था।

इस मंजर को देखने के लिए पहुंचने वाले लोग भी काफी गमगीन नजर आ रहे थे। पोस्टमार्टम के बाद देर शाम सभी शव गांव में पहुंचे तो चीतकार व क्रंदन तेज हो उठा। परिवार के लोग मृतकों का चेहरा देखने को लालायित थे। चारों ओर चीत्कार की गूंज सुनाई दे रही थी। शाम करीब 6 बजे करीब मृतकों के शव गांव में पहुंचे थे। परिवार के लोगों ने अपनी परंपराओं के अनुसार करीब 6:30 बजे शवों का अंतिम संस्कार किया। गांव की शमशान की भूमि में तीन शवों के एक साथ अंतिम संस्कार हुए। देवरानी और जेठानी प्रेमादेवी और सरस्वती का एक ही चिता पर अंमिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के दौरान भी क्रंदन व चीत्कार का माहौल था। अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोग भी काफी द्रवित व भावुक हो गए। लोगों के बीच हादसे के बीच काफी चर्चाएं रहीं।



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