संवाद न्यूज एजेंसी, लखनऊ

Updated Sat, 07 Jun 2025 02:04 AM IST

The mourners paid their tribute with tearful eyes on the martyrdom of Hazrat Muslim

हजरत मुस्लिम बिन अकील की शहादत पर ताबूत का जुलूस हुसैनाबाद रईस मंजिल ​स्थित रौजा ए हजरत से निका


loader



लखनऊ। सफीर-ए-हुसैनी के नाम से मशहूर हजरत इमाम हुसैन के चचेरे भाई हजरत मुस्लिम बिन अकील की शहादत का गम शुक्रवार को मनाया गया। शहर में कई जगहों पर आयोजित मजलिस में शामिल होकर अजादारों ने नम आंखों से उन्हें पुरसा दिया। रईस मंजिल में हजरत मुस्लिम के ताबूत का जुलूस गश्त कराया गया। ताबूत की जियारत कर अकीदतमंदों ने दुआएं मांगी।

Trending Videos

अंजुमन-ए-गुंचा-ए-मेंहदिया की ओर से हुसैनाबाद रईस मंजिल स्थित रौजा ए हजरत मुस्लिम से सड़क तक जुलूस गश्त कराया गया। जुलूस में सबसे आगे हजरत अब्बास की निशानी अलम था। उसके पीछे मौजूद ताबूत और इमाम हुसैन की सवारी का प्रतीक जुलजनाह शामिल था। अकीदतमंदों ने तबर्रुकात की जियारत दुआ मांगी। जुलूस निकलने से पहले रौजा-ए-हजरत मुस्लिम में मौलाना सैयद मोहम्मद अली हैदर ने मजलिस को खिताब किया। मौलाना ने हजरत मुस्लिम की शहादत का मंजर बयान करते हुए कहा कि हजरत इमाम हुसैन ने हजरत मुस्लिम को अपना सफीर (दूत ) बनाकर कूफा भेजा था। इस्लाम के दुश्मनों ने उन्हें धोखे से शहीद कर दिया। मौलाना का बयान सुनते ही मजलिस में मौजूद अजादारों की आंखों में आंसू आ गए।

शुक्रवार को पूरी रात चली शब्बेदारी में अंजुमनों की ओर से नौहाख्वानी और सीनाजनी का सिलसिला सुबह फज्र की नमाज तक चलता रहा। आज शाम को रईस मंजिल में महिलाओं की मजलिस का आयोजन हुआ जिसमें शामिल होकर काफी संख्या में महिलाओं ने हजरत मुस्लिम को खिराजे अकीदत पेश की। वहीं अंजुमन जफरुल ईमान की ओर से कर्बला तालकटोरा में आयोजित मजलिस को मौलाना एजाज अतहर ने खिताब किया। मजलिस के बाद कर्बला परिसर में ताबूत की जियारत कराई गई। अवलविदाई मजलिस को मौलाना यासूब अब्बास ने खिताब किया।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *