The name of a teacher from Agra will be written in the book that the children of the state will read.

विकास शर्मा
– फोटो : अमर उजाला

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उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के कक्षा 6 से 8 तक के बच्चे पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर कंप्यूटर की पढ़ाई करेंगे। इसके लिए युद्धस्तर पर काम हो रहा है। मास्टर टीचर्स का प्रशिक्षण हो चुका है। जिला स्तर पर शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। पाठ्यक्रम और विषयवस्तु का चयन और प्रकाशन हो चुका है। नए सत्र से इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे कोडिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल लिटरेसी और कंप्यूटेशनल थिंकिंग सीखेंगे। नए पाठ्यक्रम को विकसित करने में आगरा के कंपोजिट विद्यालय नगला सूरजभान, विकासखंड शमसाबाद के शिक्षक विकास शर्मा ने भी अपना योगदान दिया है।

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। उसमें कोडिंग व आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और लॉजिकल थिंकिंग पर जोर दिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों को यदि कक्षा 6 से इन विषयों पर फोकस किया जाए तो हम अगली पीढ़ी को नई चुनौतियों के लिए तैयार कर सकेंगे। कोर्स को सुगम बनाया गया है।

बच्चे कंप्यूटर में पेंट, वर्ड, एक्सेल, इंटरनेट, साइबर सुरक्षा, लॉजिकल थिंकिंग, दो प्रकार की कोडिंग (स्क्रैच व पाइथन) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सीखेंगे। पाठ्यक्रम का बीते दिनों बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह विमोचन कर चुके हैं। पाठ्यक्रम को तैयार करने लिए प्रदेश स्तर पर 20 विशेषज्ञों की एक टीम बनी थी, जिसमें आगरा से शिक्षक विकास शर्मा भी शामिल थे। उन्होंने तकनीकी विषय को हिंदी में सरल तरीके से लेखन में मदद की है। विकास शर्मा ने बताया कि अगले सत्र में यह पाठ्यक्रम प्रदेश के समस्त जनपदों में विज्ञान विषय के साथ पढ़ाया जाएगा।



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