कासगंज। भाग-दौड़ भरी जीवनशैली, सोशल मीडिया का क्रेज, करियर की अनिश्चितता और रिश्तों की उलझनों की वजह से युवाओं में तेजी से मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं बढ़ रही हैं। युवा डिप्रेशन, ओसीडी (ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर), एंजायटी, पैनिक डिसऑर्डर और मोबाइल एडिक्शन का शिकार हो रहे हैं। बीते पांच सालों में इन मरीजों की संख्या में तीन गुना तक का इजाफा हुआ है।

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जिला अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित 40 से 50 मरीज रोजाना ओपीडी के मन कक्ष में पहुंच रहे हैं।

मन कक्ष प्रभारी डॉ. दीपक राज ने बताया कि डिजिटल युग में जीवन में तेजी से बदलाव आ रहे हैं। पारिवारिक रिश्तों में कमी के कारण तनाव और भावनात्मक अकेलापन बढ़ रहा है।

इससे युवा तेजी से मनोरोग की चपेट में आ रहे हैं। पिछले 3 से 5 वर्षों में मानसिक रोगियों की संख्या तीन गुना हो गई है। अधिकतर मानसिक रोगों की शुरुआत 15 से 25 वर्ष की उम्र में हो जाती है। उन्होंने बताया कि रोजाना मन कक्ष में सबसे ज्यादा डिप्रेशन और ओसीडी से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं। इनकी काउंसिलिंग कराई जाती है। उसके अनुसार दवा और सलाह दी जा रही है।



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