… आजमगढ़ के ध्यानार्थ
– एसटीएफ ने अवध बस अड्डे से पकड़ा
– व्हाट्सएप ग्रुप पर कई अफसरों के सीयूजी नंबर जोड़कर करता था ठगी
संवाद न्यूज एजेंसी
लखनऊ। खुद को मुख्यमंत्री का निजी सचिव बताकर ठगने और ऑनलाइन बेटिंग कराने वाले गैंग के गुर्गे को यूपी एसटीएफ ने कमता बस अड्डे से गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से दो मोबाइल फोन, आधार कार्ड, 1200 रुपये और 48 पेज की व्हाट्सएप चैट बरामद की है।
एएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के अनुसार शिकायत मिली थी कि मुख्यमंत्री के निजी सचिव के नाम से फर्जी व्हाट्सएप आईडी बनाकर और उच्चाधिकारियों के सीयूजी नंबर को अपने व्हाट्सएप में जोड़कर जालसाज ठगी कर रहा है। लोगों से रुपये लेकर अधिकारियों से पैरवी करता है। यही नहीं मोटी रकम लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराने का झांसा देता है। साथ ही लाइव स्ट्रीम एप और चैट एप पर ऑनलाइन गैंबलिंग कराता है।
एएसपी के मुताबिक, सर्विलांस व तमाम साक्ष्य जुटाने पर पता चला कि जालसाजी में आजमगढ़ के निजामाबाद सहरियां गांव का फारूक अमन शामिल है। बृहस्पतिवार रात उसकी लोकेशन कमता तिराहा अवध बस अड्डे पर मिली। इस पर एसटीएफ की टीम ने आरोपी को वहां से पकड़ लिया।
पूछताछ में फारूख ने बताया कि उसने कर्नाटक से बी-फार्मा किया है। वर्ष 2021 में स्ट्रीमकर कंपनी की दो एजेंसियां ली थीं। फरवरी में कंपनी के एक होस्ट ने बताया कि ‘ठाकुर’ नाम की आईडी से मैसेज आया है जो लड़कियों को क्वाइन गिफ्ट करता है। उनके मोबाइल फोन रिचार्ज कराता है। जब उसने बात की तो ठाकुर ने खुद को सीएम का निजी सचिव बताया। उसने कहा कि कोई भी काम हो, बताना करवा दूंगा। कुछ दिन बाद फारुख को पता चला कि वह (ठाकुर) अधिकारी नहीं है।
एएसपी के मुताबिक, स्ट्रीमकर कंपनी का वार्षिक टर्नओवर 200 करोड़ रुपये बताया जा रहा है। एसटीएफ जांच कर रही है कि यह कंपनी किस तरह काम करती है। ठाकुर नाम के यूजर के बार में भी जानकारी जुटाई जा रही है।
सिपाही भर्ती के नाम पर भी वसूली
फारुख ने एसटीएफ को बताया कि ऑनलाइन गैंबलिंग के जरिये मिलने वाले क्वाइन पर उसे कमीशन दिया जाता था। लालच बढ़ा तो उसने अलग काम करना शुरू कर दिया। इस दौरान उसने 26 जुलाई को व्हाटसएप ग्रुप बनाकर पुलिस भर्ती के बारे में लिखा कि जिसे अपने परिचित को सिपाही बनवाना हो, वह संपर्क करे। इसके लिए सात लाख रुपये लगेंगे।