
माता के मंदिर का बदहाल तालाब।
अमेठी सिटी। ग्रामीणों को प्राकृतिक वातावरण में मार्निंग वॉक और बच्चों को पार्क की सुविधा तीन माह के भीतर गांव में ही मिलेगी। जिला पंचायत की ओर से जल संरक्षण के साथ तालाब के सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही 13 लाख रुपये भी जारी किए गए हैं। जल संचयन के मद्देनजर ग्रामीण क्षेत्रों में प्राचीन धरोहर व आस्था के केंद्र के रूप में तालाबों को अमृत सरोवर परियोजना के तहत संवारने का बीड़ा जिला पंचायत ने उठाया है। योजना के तहत अमेठी ब्लॉक क्षेत्र के बहादुरपुर लोनियापुर गांव स्थित आदि शक्ति मंदिर के पास स्थित ग्रामीणों की आस्था का केंद्र सगरा (तालाब) का सौंदर्यीकरण होगा। तालाब को गहरा करते हुए जल संरक्षण की व्यवस्था बनाई जाएगी। वहीं किनारे पटरियों को ग्रामीणों के मनोरंजन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। उपेक्षित पड़े सगरा का सौदर्यीकरण करने के लिए गत दिनों जिला पंचायत ने बैठक में प्रस्ताव पारित किया। इसके बाद 16 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया था। शासन ने 15वें वित्त आयोग के टाइड फंड से काम कराने की मंजूरी दे दी है। इसको लेकर जिला पंचायत ने कार्य तालाब के जीर्णोद्धार की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तीन माह में सगरा की खोदाई करते हुए जलसंरक्षण प्रबंध के साथ ही चारों किनारे पाथ-वे, लाइट, बच्चों के झूले, बैठने के लिए बेंच, तालाब में स्वच्छ पानी की व्यवस्था की जाएगी। पौधे भी लगाए जाएंगे। अपर मुख्य अधिकारी नरेंद्र बहादुर ने बताया कि सगरा का जीर्णोद्धार करवाते हुए विकसित किया जाएगा। सौंदर्यीकरण होने के बाद सगरा ग्रामीणों के लिए आकर्षण का केंद्र भी होगा। सगरा का जीर्णोद्धार होने के साथ जलसरंक्षण की भी समुचित व्यवस्था की जाएगी।