{“_id”:”66d4d8dd04d27ee35c097db4″,”slug”:”the-rains-drowned-the-fields-as-well-as-the-dreams-of-the-farmers-orai-news-c-224-1-ori1001-119141-2024-09-02″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Jalaun News: बारिश से खेत के साथ-साथ किसानों के अरमान भी डूबे”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
उरई। जिले में बेतहाशा बारिश किसानों के लिए बर्बादी का सबब बन गई है। हालात यह हैं कि किसानों के अरमान बारिश से धुल गए हैं। जो किसान खरीफ की फसल से मिलने वाली पैदावार से रबी की फसल की तैयारी करने में जुटे थे, वह अब पूरी तरह से हताश बैठे हैं। जिले में बारिश से करीब साठ फीसदी फसल खराब हो चुकी है। अब किसानों को मुआवजे की आस है। किसानों का कहना है कि फसल से तो साथ नहीं दिया। लेकिन अगर प्रशासन की ओर से सहायता मिल जाए तो कुछ बात बने।
जिले में इस वर्ष कृषि विभाग को करीब एक लाख बीस हजार हेक्टेयर में खरीफ की फसल का लक्ष्य मिला था। किसानों ने इसके एवज में तिल्ली, मूंग, उड़द सहित अन्य फसलों की बुआई की। इससे रबी की आने वाली फसल में उन्हें लाभ मिल सके। लेकिन अगस्त माह में हो रही बारिश से खेत में भरा पानी अभी भी नहीं निकल पा रहा है। जिससे किसानों की फसल खेत में ही सड़ रही है।
हालत यह है कि जिले में करीब 60 फीसदी से अधिक फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। अगर जानकारों की मानें तो उनका कहना है कि तीन से चार दिन अगर पानी अच्छी तरह से बरस जाए तो फसल को किसी भी तरह से बचाया नहीं जा सकता है। किसानों का कहना है कि प्रशासन को किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए और सत्यापन कराकर किसानों के नुकसान की भरपाई करवानी चाहिए। जिले में करीब किसानों को 500 सौ करोड़ रुपये के नुकसान होने का अनुमान है। किसान अब मुआवजे की आस में हैं।
बीमा के किए टोल फ्री नंबर व विभाग में करें संपर्क
उरई। जिले में लगातार हो रही बारिश से किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है। अब किसानों को इसकी भरपाई के लिए प्रशासन से मुआवजे की उम्मीद है। जिला कृषि अधिकारी गौरव यादव ने बताया कि लगातार हो रही बारिश से किसानों की फसल बर्बाद हुई है। इसलिए जिन किसानों का बीमा है। वह इसकी भरपाई के लिए बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर या कृषि विभाग कार्यालय या डीडी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि करीब 150 किसानों के बीमा की भरपाई के लिए आवेदन आ चुके हैं। इसके साथ ही अन्य किसान भी आ रहे हैं। (संवाद)
बोले भाकियू के जिलाध्यक्ष
भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष दुजेंद्र निरंजन ने बताया कि जिले में लगातार हो रही बारिश से किसानों की करीब 60 फीसदी फसल बर्बाद हो चुकी है। किसानों को जो मुनाफा मिलने की उम्मीद थी, वह तो खत्म हो ही गई है, जबकि उनकी लागत चली गई है। अब प्रशासन को सर्वे करवाकर उनको क्षतिपूर्ति दिलवानी चाहिए।
प्रशासन को अब फसलों का सर्वे शुरू करा देना चाहिए
कुसमिलिया गांव निवासी किसान कपिल ने बताया कि किसानों की पूरी फसल पानी में डूबी हुई है। करीब 70 फीसदी नुकसान हुआ है। अगर ऐसे ही बारिश होती रही तो किसानों को कुछ नहीं मिल पाएगा। प्रशासन अब मुआवजा दे।
मोहाना गांव निवासी किसान हीरालाल ने बताया कि प्रशासन को अब फसलों का सर्वे शुरू करवा देना चाहिए। जिससे किसानों को जल्दी सहायता राशि मिल जाए, जिससे उन्हें आने वाली रबी की फसल में कुछ मदद मिल सके।
मुहम्मदाबाद गांव निवासी किसान तारिक अली का कहना है कि बीमा कंपनी किसानों के खाते से रुपये तो काट लेती है, लेकिन मुआवजे के दौरान उस हिसाब से मदद नहीं करती है। कई बार तो मदद ऊंट के मुंह में जीरा साबित होती है।
री रमपुरा गांव निवासी किसान नेता ब्रजेश राजपूत का कहना है कि पूरे क्षेत्र में जहां-जहां किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। वहां पर प्रशासन को चाहिए कि वहां के किसानों को अधिक मुआवजा राशि दी जानी चाहिए।
पिछले वर्ष खरीफ की फसल स्थिति
फसल आच्छादन उत्पादकता
धान 255 हे. 791एमटी
ज्वार 16180 30645
बाजरा 14032 30492
उड़द 10852 12545
मूंग 815 400
अरहर 5239 8875
तिल 38021 9543
तीन सालों में इस साल अधिक हुई बारिश
वर्ष बारिश
2022 413 मिमी
2023 416 मिमी
2024 535 मिमी
वर्जन-
पिछले वर्ष बारिश के आंकडों के सापेक्ष 119 मिमी बारिश अधिक दर्ज की गई है। जिसके चलते किसानों को नुकसान हुआ है। हालांकि किसानों की नुकसान हुई फसल का आकलन करके उन्हें मुआवजा दिलाने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं। इसके साथ ही जिन इलाकोें में ज्वार, बाजरा, तिल्ली आदि की फसल लगाई गई थी वहां नुकसान हुआ है। तकरीबन 60 प्रतिशत फसल खराब होने की सूचना मिली है। -गौरव यादव, जिला कृषि अधिकारी