श्रावस्ती। ग्रामीणों की सुविधा के लिए लक्ष्मन नगर से रमनगरा तक एफडीआर तकनीक से बनी सड़क पहली ही बाढ़ में उखड़ गई। इसकी अभी गारंटी अवधि भी पूरी नहीं हुई। वहीं कछार के ग्रामीण एक बार फिर जर्जर मार्ग पर सफर करने को मजबूर हो गए हैं।
गिलौला के लक्ष्मननगर वीवीएससी रोड से रमनगरा रोड तक पांच करोड़ 20 लाख 71 हजार रुपये खर्च कर पांच किलोमीटर नवीन एफडीआर तकनीक से सड़क का निर्माण कराया गया था। इससे कछारवासियों में बेहतर मार्ग की सुविधा मिली थी, लेकिन यह नवीन तकनीक कछारवासियों के लिए परेशानी का सबब बन गई। अभी सड़क निर्माण कार्य पूरा भी नहीं हुआ था कि इसी बीच राप्ती में आई बाढ़ के बाद नदी ने अपनी धारा बदल दी। इससे मार्ग पर बाढ़ का पानी आने से यह सड़क पटाई की तरह सिमट गई।
ऐसे बनती है एफडीआर तकनीक से सड़क
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की ओर से बनाई गई इस सड़क को बनाने के लिए पहले पुरानी सड़क को खोदकर उसमें केमिकल डालकर उसे रोडरोलर से दबाया जाता है। इस पर कपड़ानुमा सेमी लेयर डालकर सड़क निर्माण करा दिया गया था। मार्ग पर बाढ़ का पानी आने से यही कपड़ा नुमा सेमी लेयर गिट्टी व डामर सहित बह गया।
दुरस्त कराई जाएगी सड़क
एफडीआर तकनीक से बनी यह सड़क अभी गारंटी अवधि में है। बरसात थमते ही दोबारा इसे दुरुस्त करा दिया जाएगा।
– राजीव गौतम, अवर अभियंता